दो साथी फरार

बच्चे से कुकर्म के आरोपी JUDGE POCSO ACT में हुआ गिरफ्तार, हाई कोर्ट ने किया निलंबित-

रविवार को एक महिला ने एक विशेष जज और उनके दो कर्मचारियों के खिलाफ अपने नाबालिग बेटे के साथ कुकर्म करने का मामला दर्ज कराया। बच्चे की उम्र 14 साल है।

भरतपुर के मथुरा गेट थाने में रविवार को एक महिला ने एक विशेष जज और उनके दो कर्मचारियों के खिलाफ अपने नाबालिग बेटे के साथ कुकर्म करने का मामला दर्ज कराया। बच्चे की उम्र 14 साल है।

जोधपुर हाईकोर्ट ने आरोपी मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया को निलंबित कर दिया। इस संबंध में राजस्थान सिविल सर्विस 1958 के रूल्स 13 के तहत तुरंत प्रभाव से आदेश जारी कर दिया गया है।

रविवार को बच्चे को साथ लेकर उसकी मां मथुरा गेट थाने पहुंची और मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। महिला का कहना है कि मजिस्ट्रेट बच्चे को डरा-धमका कर डेढ़ महीने से उसके साथ कुकर्म कर रहा था। दो दिन पहले इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उसने पुलिस के पास जाने का निर्णय लिया।

भरतपुर में 14 साल के किशोर से कुकर्म के मामले में निलंबित जज जितेंद्र गुलिया को जेल भेज दिया गया है। उसका मेडिकल करवाने के बाद उसे सिविल न्यायाधीश और अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट रेखा चौधरी के आवास पर पेश किया गया। अदालत में अवकाश था, इसलिए उसे जज के आवास पर पेश किया गया।

POCSO ACT में मुकदमा दर्ज
मथुरा गेट थाना अधिकारी रामनाथ गुर्जर ने बताया कि मथुरा गेट थाना इलाके की एक महिला ने अपने बच्चे के साथ कुकर्म का मामला दर्ज करवाया है। महिला का कहना है कि उसके बच्चे के साथ सामूहिक कुकर्म हुआ है। बच्चे की उम्र कम होने के कारण मामला पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया गया है, जिसकी जांच सीओ सिटी सतीश वर्मा कर रहे हैं। महिला ने मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया और उनके दो साथियों पर कुकर्म के आरोप लगाए हैं।

“The POCSO Act, 2012 is a comprehensive law to provide for the protection of children from the offences of sexual assault, sexual harassment and pornography while safeguarding the interests of the child at every stage of the judicial process by incorporating child-friendly mechanisms for reporting the case and evidences.”

क्या हैं पूरा मामला?
बच्चे की मां ने 31 अक्टूबर को मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया था। मां ने आरोप लगाया था कि उनका 14 साल का बच्चा एक क्लब में टेनिस खेलने के लिए जाता है। यहां जितेंद्र गुलिया नाम का जज भी आता है। गुलिया ने पहले बच्चे के साथ अपनी जान पहचान बढ़ाई। फिर उसे अपने घर ले जाने लगा। वहां बच्चे को खाने-पीने की चीजों में नशीली चीजें मिलाकर देता और उसके साथ कुकर्म करता। गुलिया के दो साथी क्लर्क अंशुल और राहुल भी बच्चे के साथ कुकर्म करते। जब यह बात बच्चे की मां को पता लगी तो उन्होंने इस बारे में गुलिया से बात की। गुलिया ने ACB के सीओ परमेश्वर लाल को बच्चे के घर भेजा और उसके परिवार को धमकियां दिलवाईं।

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कैसे लगा पता बच्चे की मां को?
महिला ने बताया कि उनका बच्चा पिछले डेढ़ महीने से गुमसुम रहने लगा था। 28 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया बच्चे को छोड़ने के लिए उसके घर पहुंचे। घर की बालकनी में बच्चे की मां खड़ी हुई थीं। घर पहुंचने के बाद मजिस्ट्रेट ने बच्चे को किस किया और उसे घर के बाहर छोड़कर चले गए। यह सब बच्चे की मां ने देख लिया, जिस पर मां ने बच्चे से सख्ती से पूछताछ की। तब बच्चे ने अपनी मां से कहा कि ये बहुत खतरनाक लोग हैं। यह कभी भी भैया को जेल भिजवा सकते हैं। हम सभी को मरवा सकते हैं। पुलिस इनके इशारे पर काम करती है। इतना कहकर बच्चा रोने लगा।

बच्चे ने सबकी घिनौनी करतूत बताई अपनी मां को
जब बच्चे की मां ने दोबारा उससे पूछा तो उसने बताया कि मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया उसे शराब पिलाते हैं। जूस में कोई नशीली चीज मिलाकर देते हैं। फिर कपड़े उतारकर मेरे साथ गलत काम करते हैं। यह सब करने से मना करने पर धमकियां देते हैं। बच्चे ने बताया कि मजिस्ट्रेट के साथ रहने वाले दो लोग अंशुल सोनी और राहुल कटारा ने भी उसके साथ कुकर्म किया है।

मजिस्ट्रेट ने बच्चे के घर पहुंचकर दी धमकी
बच्चे की मां ने बताया कि जब उन्होंने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा तो 29 तारीख को उनके घर अंशुल सोनी, राहुल कटारा और एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव कुछ पुलिसकर्मियों को अपने साथ लेकर आए। घर पर पहुंचे अधिकारियों ने महिला को धमकी दी कि वह बच्चे को जज साहब के पास भेज दे, नहीं तो वह सभी को जेल में सड़वा देंगे। जब महिला ने बच्चे को भेजने से मना किया तो सभी ने गालियां दीं। इस पर आसपास के लोग इकट्ठे हो गए। इस पर सभी लोग महिला के घर से चले गए। देर रात मजिस्ट्रेट ने महिला को फोन किया तो उसने उन्हें बताया कि बच्चे ने सब कुछ उसे बता दिया है।

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माफी मांगने घर आए मजिस्ट्रेट का वीडियो बनाया
मजिस्ट्रेट ने 30 तारीख को राहुल कटारा को बच्चे के घर भेजा। राहुल कटारा ने माफी मांगते हुए कहा कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। कुछ देर बाद अंशुल सोनी भी बच्चे के घर पहुंच गया। उसने भी बच्चे की मां और बच्चे से माफी मांगी। इसके बाद दोपहर में मजिस्ट्रेट गुलिया बच्चे के घर पहुंचे। उन्होंने भी बच्चे से माफी मांगी और आगे से कुछ भी करने से मना किया। इस दौरान बच्चे के घरवालों ने मजिस्ट्रेट का माफी मांगते हुए वीडियो बना लिया, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। महिला ने बताया कि शाम को ACB के सीओ परमेश्वर लाल यादव उसके घर पहुंचे और माफी मांगने के बहाने उनके रिश्तेदारों को रंगदारी के मामले में फंसाने की धमकी दी।


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