हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: Social Media पर भगवान श्रीकृष्ण का अपमान समाज के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आती है

Social Media सोशल मीडिया पर देवी देवताओं का अपमान करने का नया चलन चल पड़ा है. इस तरह के अपराध कर आरोपी सदियों से बने समाज के ताने बाने को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए ऐसे अपराध को हल्के में नहीं लिया जा सकता. ये कहते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर भगवान श्रीकृष्ण के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने वाले आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है.

Pujab & Hariyana High Court पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने Sri Krishna Janmastami श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन Social media सोशल मीडिया पर भगवान श्रीकृष्ण के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी समाज के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आती है.

आरोपी का तर्क-

फतेहाबाद निवासी ननू कुमार ने High Court हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसके खिलाफ दर्ज धार्मिक भावनाओं को आहत करने की एफआईआर रदद करने की गुहार लगायी थी. याचिकाकर्ता ने अपने पक्ष में तर्क दिये कि इस मामले में उसने शिकायकर्ता से पंचायत स्तर पर समझौता कर लिया हैं. ऐसे में First Information Report एफआईआर दायर करने वाले की सहमति के बाद इसे रद कर दिया जाना चाहिए.

क्या कहा कोर्ट ने-

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज करते हुए FIR एफआईआर रद करने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता ने Social Media सोशलमीडिया पर भगवान को लेकर आपत्तीजनक टिप्पणी की हैं. जिसे लाखों लोगों ने देखा हैं. यह कोई निजी अपराध नहीं है कि शिकायकर्ता से समझौते के आधार पर एफआईआर को रद कर दिया जाये. इस प्रकार की टिप्पणी समाज के प्रति अपराध की श्रेणी में आता है. इस तरह की छूट देने से समाज में गलत संदेश जायेगा, जिससे ओर भी लोग गलत कार्य के लिए प्रोत्साहित होंगे.

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क्या है मामला-

आरोपी ननू कुमार ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सोशल मीडिया पर भगवान श्रीकृष्ण को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की. यही नहीं आरोपी ने इसके साथ ही कुछ आपत्तिजनक फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर किये. स्थानीय नागरिक की शिकायत पर फतेहाबाद जिला पुलिस ने धार्मिक भावनाओं केा आहत करने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया.

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