स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन से ही हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट देशभाषियों के लिए यह व्यवस्था शुरू कर दी की उन्हें हिंदी भाषा में फैसले की कॉपी उपलब्ध हो। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिंदी भाषी लोगों को बड़़ी राहत दी है। अब हाईकोर्ट की वेबसाइट पर हिंदी में भी फैसले उपलब्ध करवाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हिंदी भाषी लोगों को बड़ी राहत दी है। स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने घोषणा की है कि उच्च न्यायालय के निर्णयों का हिंदी में अनुवाद वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने यह फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, न्यायिक निर्णयों का हिंदी में अनुवाद करने वाला तीसरा उच्च न्यायालय बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट के लीगल ट्रांसलेशन सॉफ्टवेयर (सुवास) के अनुसार, 2294 निर्णयों का अनुवाद करके मद्रास पहले, दिल्ली दूसरे और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय तीसरे स्थान पर है। सुप्रीम कोर्ट के इस सॉफ्टवेयर से अब तक 20 हाई कोर्ट जुड़ चुके हैं।
पिछले साल 1 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के एक संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया था। इस कार्यक्रम के दौरान देश के मुख्य न्यायाधीशों ने सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषाओं में कार्यवाही की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में अंग्रेजी के अलावा हिंदी, तमिल, गुजराती और उड़िया में भी फैसले जारी होते हैं। निर्णयों का हिंदी में अनुवाद समर्थकों और आम जनता के लाभ के लिए सीमित उपयोग के लिए किया गया है, जिससे उन्हें निर्णय को अपनी भाषा में समझने की सुविधा मिल सके।
सभी आधिकारिक और व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी अधिकृत रूप बनी रहेगी और कार्यान्वयन के लिए इसे प्राथमिकता दी जाएगी। हाईकोर्ट में जल्द ही अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होगी। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग करने वाला देश का सातवां उच्च न्यायालय बन जाएगा।
इससे पहले, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों के साथ-साथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की गई थी। यह मीडिया, समर्थकों और अन्य इच्छुक व्यक्तियों को कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देता है। गुजरात उच्च न्यायालय अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने वाला पहला उच्च न्यायालय था।