सीओपी नंबर नहीं तो आप वकालतनामा नहीं दाखिल कर सकते-

Estimated read time 1 min read

फर्जी वकील बन वादकारियों को गुमराह कर वकालत पेशे को बदनाम करने वालों की पहचान के लिए निगरानी समिति का भी गठन किया गया है-

अमेठी : अमेठी तहसील न्यायालय ने एक सराहनीय और सूझबूझ तरीका निकला है। अमेठी तहसील न्यायलय में वकीलों की वेशभूषा में हो रहे फर्जी वाड़े पर अंकुश लगाने को लेकर अधिवक्ता संघ सामने आ गया है।

तिलोई तहसील में बार एसोसिएशन ने बैठक कर इस बाबत प्रस्ताव पारित कर रोकथाम के तमाम नियम जारी किए हैं। जिसमें अब सर्टिफिकेट ऑफ़ प्रैक्टिस CERTIFICATE OF PRACTICE (COP) नंबर के बिना किसी भी अदालत में वकील का वकालत नामा दाखिल नहीं हो सकेगा।

साथ ही स्टाम्प वेंडर व अवैध रूप से काम कर रहे मुंशी पर भी शिकंजा कसा गया है। फर्जी वकील बन वादकारियों को गुमराह कर वकालत पेशे को बदनाम करने वालों की पहचान के लिए निगरानी समिति का भी गठन किया गया है।

तहसील बार एसोसिएशन के तत्वाधान में अध्यक्ष दलजीत सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी। जिसमें फर्जी वकील व मुंशी से लेकर स्टाम्प वेंडर द्वारा न्यायालयों में कामकाज करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए अभियान चलाने की सहमति बनी। अब कोई फर्जी वकील मुंशी व स्टाम्प वेंडर न्यायालय में कामकाज नहीं कर सकेगा।

अध्यक्ष दलजीत सिंह ने बताया की न्यायालयों में दाखिल होने वाले वकालत नामें में वकील को सीओपी नंबर व पंजीयन नंबर अंकित करना अब अनिवार्य होगा। जिससे छदम वेशधारी वकीलों की कलई खुल सकेगी। बैठक में सीओपी नंबर जारी न होने वाले जूनियर अधिवक्ताओं के लिए सिर्फ इतनी ढील दी गयी है कि वे अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सहमति से मुकदमे की पैरवी कर सकें।

ALSO READ -  Subha Dipawali दीपावली आज, लक्ष्मी गणेश पूजन के पांच शुभ मुहूर्त जाने कब -

अधिवक्ता संघ की ओर से पारित हुए इस निर्णय से पीठासीन अधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भी पत्र जारी किया गया है। बैठक में अध्यक्ष के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता राम कृष्ण भारतीय, शिव हर्ष सिंह, आरके पाठक, विजय शंकर शुक्ला, घनश्याम मिश्रा, एबी सिंह, श्याम जायसवाल, शिवकुमार सिंह चौहान, अख्तर हुसैन आदि लोग मौजूद रहे।

You May Also Like