न्यायिक अधिकारी के खिलाफ ‘पहले एनबीडब्लू बाद में समन जारी करने’ के मामले में वाद दाखिल, न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा –

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डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में तैनात जूनियर डिविजन के न्यायिक मजिस्ट्रेट के विरुद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में परिवाद दाखिल किया गया है।

न्यायालय ने सुनवाई कर परिवाद की पोषणीयता पर आदेश सुरक्षित रख लिया।

सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष उपस्थित थे।

परिवादी आजम राईन की ओर से दलील दिया गया कि थाना थरवई के राज्य सरकार बनाम निसार के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने साक्ष्य के लिए पहले गैर जमानती वारंट 15 दिसंबर 2021 को जारी किया गया जोकि 31 मार्च 2022 तक जारी रहा।

31 मार्च 2022 को मजिस्ट्रेट ने समन भेजे जाने के लिए एक नया आदेश जारी कर दिया लेकिन वारंट रिकॉल का कोई कारण आदेश में नहीं लिखा। इसलिए यह आदेश सीआरपीसी की धारा 218, 219 का उल्लंघन है।

याचीकाकर्ता ने इसे न्यायहित में देखने की जरूरत बताई गई है।

सीजीएम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है।

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