हाईवे अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार को निगरानी दल बनाने और SOP तैयार करने का निर्देश

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हाईवे अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार को निगरानी दल बनाने और SOP तैयार करने का निर्देश


🚨 सड़क सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अवैध कब्जों पर नियमित निगरानी के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध अतिक्रमण को लेकर गंभीर रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को निगरानी टीमों का गठन करने और मानकीकृत संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ये टीमें नियमित गश्त करेंगी और अतिक्रमण संबंधी डेटा एकत्र करेंगी।


📝 राष्ट्रीय राजमार्गों की निगरानी के लिए SOP और गश्त दल की व्यवस्था अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि National Highways (Land and Traffic) Act, 2002 और Highway Administration Rules, 2004 के तहत काम करने वाले Highway Administration को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक विस्तृत SOP तैयार करें। इसके तहत निरीक्षण टीमों का गठन किया जाएगा जो राष्ट्रीय राजमार्गों पर निगरानी रखेंगी और अवैध कब्जों का डेटा एकत्र करेंगी।


🛡️ राज्य पुलिस या अन्य बलों से मिलकर बनेंगे निगरानी दल

पीठ ने भारत सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह राज्य पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों से मिलकर निगरानी टीमों का गठन करे, जो नियमित और समयबद्ध हाईवे गश्त सुनिश्चित करें। कोर्ट ने आदेश दिया कि:

“गश्त दलों का कर्तव्य नियमित और समयबद्ध गश्त करना होगा। इस आदेश के पालन की रिपोर्ट तीन महीने के भीतर प्रस्तुत की जाए।”


🧑‍⚖️ जनहित याचिका पर सुनवाई, हाईवे सुरक्षा को बताया अत्यावश्यक

यह आदेश एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़ते अतिक्रमण को यातायात सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था। इससे पहले भी अदालत ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को अतिक्रमण हटाने को लेकर निर्देश दिए थे।

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📱 ‘राजमार्ग यात्रा’ मोबाइल ऐप का प्रचार करें: सुप्रीम कोर्ट

फैसले में यह भी उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार के हाईवे प्रशासन ने हाल ही में ‘राजमार्ग यात्रा’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है, जिससे आम लोग हाईवे से संबंधित घटनाओं और खतरों की सूचना दे सकते हैं। कोर्ट ने आदेश दिया:

“इस मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार दिया जाए।”

“यह जानकारी टोल प्लाजा और फूड प्लाजा पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जानी चाहिए।”


📋 शिकायतों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि ‘राजमार्ग यात्रा’ ऐप पर प्राप्त शिकायतों, खासकर अवैध कब्जों से संबंधित, और उन पर की गई कार्रवाई का विवरण अदालत में पेश किया जाए। साथ ही, कोर्ट ने NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को निर्देश दिया कि वह शिकायत निवारण पोर्टल बनाए और उसकी स्थिति की जानकारी दे।


📅 सुनवाई की अगली तारीख 15 सितंबर निर्धारित

सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित प्राधिकरणों को दिए गए आदेशों के अनुपालन की समीक्षा के लिए मामले को 15 सितंबर, 2025 को सूचीबद्ध किया है।

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