कर्नाटक HC से लगाया Twitter पर 50 लाख का जुर्माना, केंद्र के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को किया खारिज

Estimated read time 1 min read

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कुछ सोशल मीडिया खातों Social Media Accounts को ब्लॉक करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ ट्विटर Twitter द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर Social Media Platform Twitter को कर्नाटक हाईकोर्ट से झटका लगा है. ट्विटर ने कुछ सोशल मीडिया खातों और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के केंद्र के आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने ने केवल माइक्रोब्लॉगिंग साइट की याचिका खारिज की बल्कि कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. पिछले साल, ट्विटर ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) द्वारा उसे जारी किए गए आदेशों को चुनौती दी थी.

ट्विटर ने दी थी HC में चुनौती-

पिछले साल, ट्विटर ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा उसे जारी किए गए आदेशों को चुनौती दी थी.केंद्र ने ट्विटर को फरवरी 2021 और फरवरी 2022 के बीच कई सोशल मीडिया अकाउंट और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था. इनमें से ट्विटर ने 39 ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती दी थी.

ट्विटर Vs केंद्र-

2022 में, ट्विटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत अपने प्लेटफॉर्म से सामग्री को हटाने के केंद्र के आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. 2022 में याचिका की सुनवाई के दौरान, ट्विटर ने हाईकोर्ट को बताया कि किसी खाते को ब्लॉक करने के लिए केंद्र द्वारा जारी आदेश में इसके कारणों को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. कंपनी ने एक मानदंड स्थापित करने पर भी जोर दिया ताकि जरूरत पड़ने पर आदेश (आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत जारी) को चुनौती दी जा सके.

ALSO READ -  सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को अवमानना नोटिस जारी करते हुए कहा कि लग रहा HC खुद को SC से बड़ा मानने लगा है

इस बीच, केंद्र ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि ट्विटर कई वर्षों से “आदतन गैर-अनुपालन वाला मंच” रहा है. भारत सरकार ने कहा कि ब्लॉकिंग आदेश जारी करने से पहले सरकार और ट्विटर प्रतिनिधियों के बीच लगभग 50 बैठकें हुईं. केंद्र ने अदालत को यह भी बताया था कि ‘ट्विटर का स्पष्ट इरादा देश के कानूनों का पालन न करने का था.’

You May Also Like