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वाराणसी : भोलेनाथ की नगरी काशी में कुछ अद्भुत और अनोखा दृश्य देखने को मिला. शिवरात्रि से पहले ही काशी शिवमय हो चुकी है. भगवान शंकर की इस नगरी में सोमवार की शाम अस्सी घाट पर अद्भुत नजरा देखने को मिला जहां 14 राज्यों की महिलाओं ने हजारों की संख्या में एक साथ शिव तांडव स्त्रोत को गाया. सभी के हाथों में जलता हुआ दिया और उसकी रौशनी से चमकते एक ही रंग से काशी का कोना कोना शिवमय हो गया. इस कार्यक्रम एजिस ने काशी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित किया था.
ज्ञात हो की हजारों की संख्या में वारणसी के अस्सी घाट की सीढ़ियों पर लाइन में खड़ी महिलाएं और उनके हाथों में जलते दिए मानों ऐसे लग रहे थे कि काशी की धरती पर भगवन शिव साक्षात् पधारे हो और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हजारों की संख्या में ये महिला शक्तियां अपनी पलक पसारे खड़ी हैं. खास बात यह रही कि शिव की भक्ति में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी महिलाओं ने एक साथ एक आवाज में शिव तांडव स्त्रोत का गायन किया. कार्यक्रम में आयी सभी महिलाएं देश के 14 राज्यों से काशी आई हुई थी यह महिलाएं खास तौर से केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली,जैसे राज्यों से काशी पहुचीं थी.
हर हर महादेव का उद्घोष के साथ ही कार्यक्रम शुरू हुआ जो शिव की स्तुति शिव तांडव स्त्रोता के बाद गंगा आरती करते हुए समापन हुआ काशी में यह अद्भुत और अनोखा आयोजन काशी के लिए भी किसी अनूठे उत्सव सरीखा रहा. शिव तांडव स्त्रोत के पाठ के साथ ही घाटों पर गंगा आरती का भी आयोजन शुरू हुआ तो जान्हवी तट पर दीयों की रोशनी से गंगा तट भी मानों रोशनी से नहाया नजर आने लगा. जैसे जैसे शाम होने लगी आयोजन में शामिल होने के लिए लोगों की भी घाट पर भारी जुटान शुरू हो गई. भले ही यह महिलाएं एक संस्था के द्वारा यहां पहुचीं हो लेकिन जिस प्रकार इन्होंने शिव की भक्ति की उससे साफ जाहिर है कि काशी दुनिया से यूं ही अलग नहीं है.
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