उत्तर प्रदेश न्यायपालिका में बड़ा फेरबदल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 582 न्यायाधीशों के तबादले के आदेश जारी किए

उत्तर प्रदेश न्यायपालिका में बड़ा फेरबदल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 582 न्यायाधीशों के तबादले के आदेश जारी किए

उत्तर प्रदेश न्यायपालिका में बड़ा फेरबदल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 582 न्यायाधीशों के तबादले के आदेश जारी किए

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 582 न्यायाधीशों के स्थानांतरण के आदेश जारी किए।
  • ज्ञानवापी प्रकरण के जज रवि कुमार दिवाकर को बरेली से चित्रकूट भेजा गया।
  • न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने और प्रशासनिक सुधार हेतु यह कदम उठाया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार सतीश कुमार पुष्कर द्वारा रविवार शाम ‘वार्षिक स्थानांतरण-2025’ (Annual Transfer-2025) का आदेश जारी किया गया। आदेशानुसार, तबादला किए गए सभी न्यायाधीशों को तत्काल अपनी नई पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं

उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रशासन को अधिक प्रभावी और सुचारु बनाने के उद्देश्य से यह बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया गया हैरजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती द्वारा इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना (Notification) जारी की गई।


इन न्यायाधीशों का हुआ स्थानांतरण

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रदेशभर में कुल 582 न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया गया है। इसमें शामिल हैं:

सबसे अधिक 13 न्यायाधीशों का तबादला कानपुर से किया गया। इसी तरह, अलीगढ़ से 11 और बरेली से 5 न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया गया


ज्ञानवापी मामले की सुनवाई करने वाले जज का तबादला

ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई करने वाले जज रवि कुमार दिवाकर का बरेली से चित्रकूट स्थानांतरण किया गया है
गौरतलब है कि जज दिवाकर ज्ञानवापी मामले में दिए गए अपने निर्णय के कारण राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे। उनके तबादले को लेकर कानूनी और सार्वजनिक चर्चाएं जारी हैं।

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उनका नाम इससे पहले भी सुर्खियों में रहा था, जब उन्होंने 2010 में बरेली दंगे के दौरान मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था


न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का उद्देश्य

रजिस्ट्रार जनरल के अनुसार, इन स्थानांतरणों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की न्यायिक प्रणाली को अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाना है। सरकार चाहती है कि न्यायालयों का संचालन अधिक पारदर्शी और सुचारु रूप से हो

जज रवि कुमार दिवाकर अपने न्यायिक फैसलों में धार्मिक ग्रंथों जैसे श्रीरामचरितमानस और गीता का उल्लेख करने के लिए भी जाने जाते हैं। मार्च 2024 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की खुलकर सराहना की थी

इसके अतिरिक्त, रवि कुमार दिवाकर भाजपा के पूर्व मंत्री चंद्र किशोर सिंह के दामाद हैं। चंद्र किशोर सिंह तीन बार महराजगंज से विधायक रह चुके हैं

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