Muslim और Hindu समुदाय के बीच विवाह को धार्मिक संहिताओं के तहत अनुमति नहीं, विवाह Special Marriage Act Sec 4 के अनुसार मान्य नहीं – HC

Muslim और Hindu समुदाय के बीच विवाह को धार्मिक संहिताओं के तहत अनुमति नहीं, विवाह Special Marriage Act Sec 4 के अनुसार मान्य नहीं – HC

Madhya Pradesh High Court Important Decision : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के Chief Justice सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने इंदौर निवासी युवती और जबलपुर के हसनैन अंसारी की शादी से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सिंगल बेंच के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है, जो दोनों को पुलिस Police सुरक्षा एवं विवाह Marriage से संबंधित था.

कोर्ट ने इस निर्णय में 12 नवंबर को जस्टिस जीएस अहलूवालिया द्वारा दिए गए फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम और हिंदू समुदाय के बीच विवाह को धार्मिक संहिताओं के तहत अनुमति नहीं दी जा सकती और यह विवाह विशेष विवाह अधिनियम की धारा 4 के अनुसार मान्य नहीं है.

सिंगल बेंच ने क्या फैसला दिया था?

हाईकोर्ट पीठ में दोनों की सुरक्षा के मद्देनजर युवती को 11 नवंबर तक जबलपुर के शास्त्री ब्रिज स्थित राजकुमारी बाई बाल निकेतन भेजने का आदेश दिया था और हसनैन को भी किसी अज्ञात स्थान पर रखने के निर्देश दिए गए थे, ताकि किसी तरह से उसे कोई नुकसान न पहुंचा सके. कोर्ट ने यह भी कहा था कि 12 नवंबर तक दोनों आपस में किसी तरह का कोई संपर्क नहीं करेंगे.

याचिकाकर्ताओं की क्या दलील है?

याचिकाकर्ता, इंदौर निवासी युवती और सिहोरा निवासी हसनैन अंसारी, ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी. युवती और हसनैन के अधिवक्ता अशोक लालवानी ने कोर्ट में बताया कि दोनों पिछले चार वर्षों से प्रेम संबंध में हैं और एक साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं. उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम Special Marriage Act के तहत विवाह के लिए जबलपुर कलेक्टर कार्यालय में आवेदन किया था, जिसके बाद दोनों परिजन तथा धार्मिक संगठनों के विरोध का सामना कर रहे हैं. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है, जिसके मद्देनजर कोर्ट से सुरक्षा का अनुरोध किया गया.

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कोर्ट ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है, जिसमें दोनों पक्षों को अपनी दलीलें प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा.

क्या हैं विरोध और आरोप?

इस मामले में युवती के परिजनों ने विशेष विवाह अधिनियम का हवाला देते हुए इस विवाह का विरोध किया और इसे उनकी धार्मिक आस्थाओं के खिलाफ बताया. युवती के भाई ने आरोप लगाया कि उनकी बहन लव जिहाद का शिकार हो रही है और दावा किया कि इस रिश्ते में वह किसी दबाव में आकर जुड़ी है. इस विरोध के बीच, युवती के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई है.

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