Mumbai Drug Case :: मुंबई के ड्रग्स मामले मुंबई के सेशंस कोर्ट से एनसीबी को झटका-कोर्ट बोला- हाई कोर्ट में मामला, नहीं दे सकते आदेश
Mumbai Drug Case : मुंबई के ड्रग्स मामले में रोजाना नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर निशाना साधे जाने के बाद मामला पूरी तरह से बदल गया है. अब एनसीबी NCB की अर्जी पर मुंबई के सेशंस कोर्ट ने समीर वानखेड़े को तगड़ा झटका दिया है.
अदालत ने कहा है कि कोई भी आदेश नहीं दिया जा सकता है. चूंकि, हाई कोर्ट में पूरा मामला चल रहा है. ऐसे में यह हमारे दायरे से बाहर है. कोर्ट ने एनसीबी को किसी भी तरह से राहत देने से इनकार कर दिया है.
Narcotics Control Beuro एनसीबी की ओर से प्रभाकर के बयान को लेकर अर्जी दायर की गई थी और राहत की मांग हुई थी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी को तगड़ा झटका दे दिया.
मुंबई की सेशंस कोर्ट ने कहा, ”आवेदन में राहत की प्रकृति को देखते हुए ऐसा कोई व्यापक आदेश पारित नहीं किया जा सकता है. यह संबंधित अदालत या प्राधिकरण के लिए है कि वह संबंधित स्तर पर उचित आदेश पारित करे. इसके अलावा, मामला एक ही प्राथमिकी में जमानत आवेदनों में माननीय हाई कोर्ट के सामने भी विचाराधीन है. इसलिए, अदालत ऐसा कोई भी आदेश पारित नहीं कर सकती है. ऐसे में अर्जी को खारिज किया जाता है.”
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और उसके जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने मुंबई ड्रग्स मामले में गवाह के पलटने के बाद मुंबई की सेशंस कोर्ट में हलफनामा दायर कर राहत की मांग की थी. समीर वानखेड़े के हलफनामे में अदालत से उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के प्रयासों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया था. दूसरी ओर, एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और जांच में छेड़छाड़ के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई थी.
NCB चीफ समीर वानखेड़े ने मुंबई की विशेष अदालत को बताया है कि उनके परिवार, बहन और मृत मां को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं. बता दें कि मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले ने रविवार को प्रभाकर सेल नाम के एक गवाह के नए दावे के बाद नया मोड़ ले लिया है.
बॉडीगार्ड प्रभाकर के सनसनीखेज दावों के बाद बदल गया पूरा मामला–
गवाह केपी गोसावी के बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल ने दावा किया था कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को रिहा करने के लिए एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के नाम पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी. प्रभाकर सेल ने यह भी आरोप लगाया कि मामले में एनसीबी ने उनसे सादे कागज पर पंचनामे पर हस्ताक्षर करवाए. उन्होंने कहा था कि 25 करोड़ की राशि का जिक्र होने के बाद 18 करोड़ रुपये पर सहमति बनते हुए बातें उन्होंने सुनी थी. इसमें से आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने थे, जबकि दस करोड़ बाकी के लोगों को लेने थे.
NCB चीफ समीर वानखेड़े बोले किया जा रहा परेशान–
वहीं, पूरे मामले में मुंबई एनसीबी चीफ समीर वानखेड़े ने आजतक से बात की. उन्होंने दावा किया मुझे कहना था कि मुझे परेशान किया जा रहा है. मेरे परिवार पर हमला हो रहा है. मैंने माननीय अदालत के सामने बातें रख दी हैं. मैं मीडिया में बात नहीं कर सकता हूं. जो कहना था कोर्ट में कह दिया है. वहीं, वानखेड़े सोमवार को ही मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. वह पिछले एक साल से बॉलीवुड में ड्रग्स कनेक्शन के कई मामलों की जांच कर रहे थे, लेकिन पिछले दिनों उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. इसके बाद उनके खिलाफ विजिलेंस की भी जांच शुरू की गई है. वानखेड़े ही आर्यन खान मामले की भी जांच कर रहे हैं.