Mumbai Terror Attack 26/11 गुनहगारों का जल्द होगा प्रत्यर्पड, फरवरी में होगी सुनवाई-

मुंबई हमलों (26/11 Mumbai Attack) के दोषियों को सजा दिलाने का इंतजार पूरा देश कर रहा है. पाकिस्तान (Pakistan) भले ही अपने यहां आतंकियों को पनाह देकर उनके खिलाफ कार्रवाई से बच रहा हो, लेकिन अमेरिका (USA) की एक जेल में बंद एक अन्य आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को जल्द भारत लाया जा सकता है. अमेरिका की एक अदालत में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी राणा के प्रत्यर्पण पर 12 फरवरी को सुनवाई होगी. भारत ने राणा को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के मामले में भगोड़ा घोषित किया है.

David Coleman Headley & Tahawwur Rana

डेविड कोलमैन हेडली (David Coleman Headley) के बचपन के दोस्त 59 साल के राणा को 10 जून को लॉस एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया था. उसे मुंबई हमलों में शामिल होने के मामले में भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर फिर से गिरफ्तार किया गया था. 26/11 के हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी. अमेरिकी पुलिस ने राणा को पहली बार शिकागो ओहारे हवाईअड्डे पर हेडली की गिरफ्तारी के तुरंत बाद अक्तूबर 2009 में गिरफ्तार किया था. लॉस एंजिलिस में अमेरिकी जिला अदालत की जज जैक्लीन चेलोनियन ने 13 नवंबर को जारी अपने आदेश में कहा कि इस मामले में प्रत्यर्पण की सुनवाई 12 फरवरी, 2021 को सुबह 10 बजे होगी.

विरोध में अपील कर सकता है राणा

राणा के पास प्रत्यर्पण के अनुरोध के विरोध में याचिका दायर करने के लिए 21 दिसंबर तक का समय है. अमेरिकी सरकार के पास इसका जवाब दायर करने के लिए एक और महीने का समय होगा. अमेरिका ने 28 सितंबर को अपने प्रस्ताव में राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का समर्थन किया था.

ALSO READ -  रोम में चल रही माटियो पैलिकोन रैंकिंग कुश्ती सीरीज में पूनिया ने जीता गोल्ड,बने दुनिया के नंबर- 1 पहलवान

भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप

भारत में उसके खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने, साजिश रचने और हत्या करने समेत कई मामलों में आरोप तय किए गए हैं. राणा ने अपने बचाव में दलील दी थी कि अमेरिका का हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं करने का फैसला असंगत है और यह उसके प्रत्यर्पण को रोकता है. अमेरिका के अटॉर्नी निकोला टी हन्ना ने कहा कि अमेरिका सरकार ने तर्क दिया कि हेडली ने आवश्यक शर्तें पूरी की थी. उन्होंने कहा, ‘राणा की स्थिति अलग है क्योंकि उसने न तो अपराध स्वीकार किया और न ही अमेरिका सरकार के साथ सहयोग किया, इसलिए उसे वह लाभ नहीं दिए जा सकते, तो हेडली को दिए गए. यह रुख न तो असंगत है और न ही उसके (राणा) प्रत्यर्पण को रोकता है.’ हन्ना ने कहा कि राणा के विपरीत हेडली ने अपने सभी आरोप तत्काल स्वीकार कर लिए थे.

पाक सेना में डॉक्टर था राणा

पाकिस्तान में जन्मे राणा ने वहां आर्मी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी की थी और उसने पाकिस्तानी सेना में करीब एक दशक तक चिकित्सक के रूप में सेवाएं दी थीं. मगर बाद में उसने इसे छोड़ दिया. वह इस समय कनाडा का नागरिक है, लेकिन शिकागो में रहता था. यहां उसका कारोबार था. अदालत में दायर दस्तावेजों के अनुसार वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और ब्रिटेन में रहा और वह सात भाषाएं बोलता है. मुंबई हमलों का अपराधी हेडली सरकारी गवाह बन गया था और इस समय अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है.

You May Also Like