NDPS Act. Bail Granted : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय ने ‘कम उम्र’ को ध्यान में रखते हुए एक 20 वर्षीय लड़के को जमानत दे दी। जबकि राज्य पुलिस ने इस युवक से कथित रूप से 19.5 ग्राम ‘चिट्टा’ (सिंथेटिक रूप से उत्पादित ड्रग्स) बरामद करते हुए उसको गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने यह भी देखा कि यह अविवादित है कि उसके पास से बरामद प्रतिबंधित मात्रा मध्यवर्ती मात्रा की थी पर वह एक 20 साल का लड़का है। उसका एनडीपीएस अधिनियम के तहत किसी तरह का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं पाया गया है।
कोर्ट ने उसे जमानत देते हुए कहा, “याचिकाकर्ता की कम उम्र के कारण उसे जमानत दी जा रही है।”
केस आलोक्य-
मामला अभियोजन का मामला यह है कि 19 अगस्त, 2021 को शहर में वीआईपी के आने को देखते हुए वाहनों की नियमित चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक बस को रोका। इसमें याचिकाकर्ता बैठा हुआ था। उसकी बाँहों में नारंगी रंग का ज़िपर था। पुलिस ने जब उससे पूछा कि वह किसलिए यात्रा रहा है तो याचिकाकर्ता हैरान हो गया। वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। इस पर पुलिस को शक हुआ कि याचिकाकर्ता के पास कोई संदिग्ध वस्तु हो सकती है।
उसकी तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप उसके पास से 19.52 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ। उसे एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21 के तहत कानूनी औपचारिकताओं का पालन करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद आरोपी ने वर्तमान याचिका दायर कर नियमित जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।
न्यायालय की टिप्पणियां-
शुरुआत में कोर्ट ने रेखांकित किया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपित अपराध का दोषी है या नहीं यह विचार का विषय है। फिर यदि उसे उसके द्वारा कथित रूप से किए गए अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है तो उसे इसकी सजा भुगतनी होंगी।
हालांकि, कोर्ट ने यह देखते हुए कि वह सिर्फ 20 साल का है, कथित तौर पर चिट्टा की एक मध्यवर्ती मात्रा के साथ पकड़ा गया है और एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध करने का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास भी नहीं है, उसकी रिहाई का आदेश देकर उसकी जमानत याचिका को अनुमति दी।
उच्च न्यायलय ने आरोपी को 50 हजार रूपये का जमानत बॉन्ड भरने और इतनी ही राशि का एक जमानतदार प्रस्तुत करने पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया।
केस टाइटल – गौरव ठाकुर बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य
Criminal Misc. Petition (Main) No. 1676 of 2021