नए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, हरियाणा के किसानों में काफी गुस्सा देखने को मिला. लेकिन इन्हीं कृषि कानूनों में से एक की वजह से महाराष्ट्र के एक किसान को उसकी रुकी हुई पेमेंट मिलने में मदद मिली है. खाद्य व्यापारी द्वारा बकाया नहीं देने पर किसान ने नए कानून के तहत शिकायत दर्ज करवाई और उसके रुके हुए 2,85,000 रुपयों का बिल क्लियर हो गया.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के किसान जितेंद्र भोई के लिए नए कानून मददगार साबित हुए. उन्होंने किसानों का व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का लाभ लिया. नए कृषि कानूनों मुताबिक, खरीददार को फसल खरीदी के तीन दिन के अंदर किसान को पेमेंट देने का प्रावधान है.
15 दिनों में पैसा देने का वादा किया था
खबर के मुताबिक, भोई ने इस गर्मी अपने 18 एकड़ के खेत में मक्का बोई. उसने 270.95 क्विंटल फसल 1,240 (प्रति क्विंटल) के हिसाब से दो ट्रेडर्स सुभाष वानी और अरुण वानी को बेची. दोनों को इसके कुल 332,617 रुपये चुकाने थे. ट्रेडर्स ने टोकन मनी के तौर पर 25 हजार रुपये दिए और बाकी 15 दिन में देने का वादा दिया. लेकिन फिर चार महीने तक पैसे नहीं मिलने पर उसने अक्टूबर के पहले हफ्ते में जाकर शिकायत दर्ज करवा दी.
भोई ने बताया कि वहीं के बाजार में एक क्लर्क ने उसे नए कानूनों के तहत शिकायत दर्ज करवाने का आइडिया दिया था. फिर अथॉरिटी के लोगों ने सारी चीजों की जांच करके ट्रेडर्स को समन किया. आखिर में उन्होंने भोई से सेटलमेंट करके 285,000 रुपये चुकाए.