- कोर्ट ने केजरीवाल को कोई प्रोटेक्शन नहीं दिया
- कोर्ट ने कहा की ये व्यक्तिगत सम्मन है, पार्टी को सम्मन नहीं
- कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को कोई निर्देश नहीं दिया
- कोर्ट ने सम्मन पर कोई रोक नहीं लगाई
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें जारी किए गए सभी नौ समन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. आज इस मामले में जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मौज जैन की खंडपीठ सुनवाई की.
शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है. जांच एजेंसी केजरीवाल को अब तक 9 समन भेज चुकी है, लेकिन सीएम ईडी के सामने पेश नहीं हुए. केजरीवाल ने ईडी के समन को अवैध बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी है. केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को अदालत में सुनवाई हुई.
हालांकि कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली है. अदालत ने केजरीवाल से कहा कि आप ईडी के सामने पेश होंगे तभी आपको पता चलेगा कि आपको गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या आरोपी के तौर पर. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.
कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलील दिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि आप समन पर पेश क्यों नहीं हुए. इसपर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि इस मामले में 9 समन जारी हुए. सभी पर हमने जवाब दाखिल किया. हमने कहा है कि हम वर्चुअली जवाब देने के लिए तैयार हैं. अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि पेश होने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कुछ प्रोटेक्शन चाहिए. अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से ED को समन जारी करने की मांग की.
सिंघवी ने कहा कि हमने सभी जवाब भेजे हैं. उन्होंने एजेंसी से पूछा कि उन्हें गवाह के तौर पर बुलाया जा रहा है या आरोपी के तौर पर. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि जब आप पेश होंगे, तभी आपको पता चलेगा. अदालत ने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आपको ईडी के सामने पेश होने से क्या रोक रहा है. वे आपको पहली बार पेश होने पर गिरफ्तार नहीं करेंगे, वे कारण बताएंगे, उसके बाद ही गिरफ्तार करते हैं. हमने कई मामले देखे हैं.