ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने को कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने किया सील, हिंदू पक्ष ने वजू खाने के तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का किया दावा-

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सीआरपीएफ की टीम मौके पर तैनात-

इतिहासकार यह दावा करते हैं कि काशी में प्राचीन शिव मंदिर है. यह भी दावा किया जाता है कि वाराणसी में आज काशी विश्वनाथ का मंदिर जिस स्थान पर बना हुआ है वह असलियत में काशी विश्वनाथ का मंदिर का स्थान नहीं है. उसके स्थान पर एक मस्जिद बनी हुई है और अब किसी मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर के सबूत मिले हैं. जानकारी हो की काशी विश्वनाथ मंदिर के पास 500 साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं. यह अवशेष जब प्राप्त हुए जब काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए मैदान में श्रृंगार गौरी के पास खुदाई करने का कार्य चल रहा था.

काशी वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में न्यायलय के आदेश से सर्वे का काम तीन दिन की कवायद के बाद पूरा हो गया है. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि नंदी के मुख के सामने मस्जिद के वजू खाने से 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है. इसके बाद कोर्ट ने शिवलिंग वाले एरिया को सील करने का आदेश दिया था. वहीं, सोमवार को देर शाम जिला प्रशासन की टीम ने वजू खाने वाले एरिया को सील कर दिया है. दरअसल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने अहम साक्ष्यों को संरक्षित और सुरक्षित करने की याचिका दी थी. इसी याचिका के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर वजू खाने वाली जगह को सील किया गया है.

बहरहाल, ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने को कोर्ट के आदेश पर सील करने की कार्रवाई के दौरान एडीएम प्रोटोकॉल मौके पर मौजूद रहे. वहीं, वजू खाने के पास सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है, जो कि अब 24 घंटे निगरानी करेगी. जबकि वजू खाने को सील करने के दौरान पुलिस और सीआरपीएफ का पुख्‍ता इंतजाम किया गया था, ताकि कोई बाधा न डाल सके.

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हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग मिलने का दावा-

इससे पहले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि कोर्ट कमीशन की कार्रवाई के दौरान मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग का मिलना महत्वपूर्ण साक्ष्य है. यादव के मुताबिक, अदालत ने पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी और सीआरपीएफ कमांडेंट को सील किए जाने वाले स्थान को संरक्षित और सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने बताया कि अदालत ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस स्थान पर लोगों का प्रवेश वर्जित कर दें और मस्जिद में केवल 20 मुसलमानों को नामाज अदा करने की इजाजत दें. बता दें कि सर्वे दल को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में नंदी की प्रतिमा के सामने वजू खाने (मस्जिद के अंदर वह जगह, जहां लोग नमाज पढ़ने से पहले हाथ, पैर और मुंह धोते हैं) के पास शिवलिंग मिला है.

वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा इसे फौहारे का बेस बताया गया.

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी. अब अगली सुनवाई 20 मई को दोपहर 12 बजे शुरू होगी. इसके अलावा इसी मामले की सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन ने याचिका दाखिल की है.

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