जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की सिफारिश पर बिजली बोर्ड कर्मी के तबादला आदेश को हाईकोर्ट ने कर दिया रद्द –

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न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकलपीठ ने प्रार्थी ज्ञान चंद द्वारा दायर याचिका निपटाते हुए व्यवस्था दी कि बिजली बोर्ड कर्मी का तबादला आदेश जारी करने की सिफारिश करना जल शक्ति मंत्री के क्षेत्र अधिकार में नहीं आता। यह आदेश गैर कानूनी है।

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की सिफारिश पर बिजली बोर्ड कर्मी के तबादला आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।

बिजली बोर्ड के हमीरपुर सर्कल कार्यालय में कार्यरत ड्राफ्ट्समैन ज्ञान चंद का तबादला बोर्ड ने हमीरपुर से जिला मंडी के धर्मपुर में कर दिया था।

न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकलपीठ ने प्रार्थी ज्ञान चंद द्वारा दायर याचिका निपटाते हुए व्यवस्था दी कि बिजली बोर्ड कर्मी का तबादला आदेश जारी करने की सिफारिश करना जल शक्ति मंत्री के क्षेत्र अधिकार में नहीं आता। यह आदेश गैर कानूनी है।

बोर्ड अधिकारियों ने इस सिफारिश पर कार्यवाही करने से पूर्व प्रशासनिक कार्यवाही नहीं की और सीधे विवादित आदेश पारित कर दिए। ज्ञान चंद ने इस तबादला आदेश को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी।

कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी और याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया था। याचिका में प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि उसका तबादला बिना यात्रा भत्ता और ज्वाइनिंग टाइम के किया गया।

इससे प्रतीत होता है कि तबादला आदेश प्रार्थी के आग्रह पर किया गया, जबकि उसने ऐसा कोई आग्रह नहीं किया था। प्रार्थी ने अदालत में पेश किए दस्तावेजों के साथ जल शक्ति मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे सिफारिश पत्र और उस पर मुख्यमंत्री द्वारा बोर्ड को भेजे डीओ लेटर की प्रति भी रखी थी।

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याचिका पर बोर्ड ने अपना पक्ष रखा और दलील दी कि प्रार्थी का तबादला संबंधित अथॉरिटी की मंजूरी के बाद ही जारी किया गया था। प्रार्थी वर्तमान स्थल पर अपना कार्यकाल पूरा कर चुका है। ऐसे में याचिका खारिज की जाए। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और बोर्ड द्वारा पेश रिकॉर्ड के अवलोकन के बाद कहा कि बोर्ड द्वारा जारी आदेश कानूनन सही नहीं है। इन तबादला आदेशों को रद्द किया जाता है।

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