डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को लेकर दाखिल याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट से खारिज

allahabad high court

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को लेकर दाखिल याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट से खारिज
— विधि संवाददाता, प्रयागराज

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ फर्जी शैक्षणिक डिग्री के आधार पर चुनाव नामांकन और पेट्रोल पंप आवंटन में कथित गड़बड़ियों को लेकर फौजदारी कार्रवाई की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने प्रयागराज निवासी भाजपा सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी द्वारा दाखिल याचिका को यह कहते हुए खारिज किया कि मामले में हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं बनता।

⚖️ क्या थे आरोप?

दिवाकर त्रिपाठी ने आरोप लगाया था कि केशव मौर्य ने चुनावी हलफनामे में झूठी शैक्षणिक डिग्री दिखाई और इसी आधार पर पेट्रोल पंप का डीलरशिप भी प्राप्त किया। उन्होंने इस संबंध में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत पुलिस जांच की मांग की थी।

हालांकि, 2021 में एसीजेएम नम्रता सिंह ने उनकी अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता। इसके बाद त्रिपाठी ने इस आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दाखिल की, जो लगभग 300 दिनों की देरी के कारण फरवरी 2024 में खारिज कर दी गई थी।

🏛️ सुप्रीम कोर्ट ने दी थी सुनवाई की अनुमति

जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए देरी को माफ किया और हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह मामले की गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करे। इसके बाद त्रिपाठी ने अप्रैल 2025 में नई याचिका दाखिल की, जिसमें पहले जैसे ही आरोप दोहराए गए।

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हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर मई में फैसला सुरक्षित रखा था। लेकिन सोमवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और साफ किया कि अब इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा

🔚 क्या हुआ निष्कर्ष?

इस निर्णय के साथ ही डिप्टी सीएम मौर्य की डिग्री को लेकर चल रहा विवाद न्यायिक स्तर पर समाप्त हो गया है। कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए आरोपों में कोई नया तथ्य या ठोस आधार प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे फौजदारी कार्यवाही शुरू की जा सके

यह फैसला न केवल एक राजनीतिक विवाद को विराम देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अदालत तथ्यों और साक्ष्यों के अभाव में किसी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने में संकोच नहीं करती

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