Prayagraj News- सुनवाई के दौरान अधिवक्ता संघ के मंत्री ने शिकायतकर्ता को धरा थप्पड़, अनुशासन सीमित गम्भीर-

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ब्यूरो रिपोर्ट, प्रयागराज

प्रयागराज : जिला अधिवक्ता संघ के मंत्री द्वारा बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुशासन समिति के सामने ही उनके खिलाफ चल रही एक मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता को थप्पड़ जड़ने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कौंसिल ने उनका लाइसेंस एक माह के लिए निलंबित कर दिया। मंत्री राकेश दुबे को कौंसिल ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है, किस वजह से उन्होंने अनुशासन समिति के सामने मारपीट और गाली गलौज देने का कदाचार किया है। तथा क्यों न इसके लिए उनका लाइसेंस सदा के लिए रद्द कर दिया जाए। 

अनुशासन समिति द्वारा संबंधित परिवाद में जारी अंतरिम आदेश के मुताबिक घटना रविवार 22 नवंबर की है। जिला अधिवक्ता संघ के मंत्री राकेश कुमार दुबे के खिलाफ व्यवसायी रतन कुमार केसरी ने बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में व्यवसायिक कदाचार का आरोप लगाते हुए परिवाद दाखिल किया है। रविवार को अनुशासन समिति के समक्ष इसकी सुनवाई चल रही थी।


कुछ देर सुनवाई के बाद मामले में 13 दिसंबर की तिथि नियत कर दी गई। तारीख लगने के बाद राकेश और उसके साथ कुछ अन्य लोगों ने परिवाद से संबंधित तथ्यों को लेकर परिवादी रतन कुमार से समिति के सदस्यों के सामने ही गाली गलौज करनी शुरू कर दी। शोर शराबा सुनकर कौंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय और कोचेयरमैन देवेंद्र मिश्र नगरहा भी वहां आ गए। इसी बीच राकेश दुबे ने परिवादी को दो थप्पड़ जड़ दिए।  समिति ने इस घटना को बार कौंसिल की गरिमा को गिराने वाला और छवि को धूमिल करने वाला मानते हुए राकेश दुबे का लाइसेंस एक माह के लिए लंबित कर दिया और उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर अगली सुनवाई तक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। समिति का कहना है कि वह राकेश दुबे के खिलाफ कदाचार की अन्य शिकायतों पर भी सुनवाई कर रही है। समिति अपने आदेश की प्रति अध्यक्ष जानकीशरण पांडेय को प्रेषित करते हुए इस परिवाद की सुनवाई के लिए स्थान सुनिश्विचत करने की मांग की है। 

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वहीं जिला अधिवक्ता संघ के मंत्री राकेश कुमार दुबे का कहना है कि उनको निलंबन के बारे में कोई सूचना नहीं है। उनका कहना है कि मैं बार कौंसिल गया था और केस में 13 दिसंबर की तिथि नियत हुई है। वहां मैने किसी को न तो थप्पड़ मारा और न ही किसी से मेरा प्रतिवाद हुआ। मुझको इस प्रकार का कोई नोटिस नहीं दिया गया है। यदि बार कौंसिल द्वारा एकतरफा कार्रवाई की जाती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। 

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