राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 24 मई को झारखंड के नए हाईकोर्ट भवन का उद्घाटन करेंगी। यह भवन कई मायने में खास है। 165 एकड़ में फैला इसका परिसर क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सभी हाईकोर्ट के परिसरों से बड़ा है।
नए हाईकोर्ट भवन की कुछ खास बातें-
165 एकड़ जमीन में फैला है परिसर, सुप्रीम कोर्ट के कैंपस से भी है कई गुना बड़ा
550 करोड़ रुपये की लागत से बना है भवन, लगाए गए हैं 500 CCTV कैमरे
1200 अधिवक्ता बैठेंगे दो हॉल में, 540 चैंबर व महाधिवक्ता भवन अलग से
30 हजार वर्गफीट में बनाई गई लाइब्रेरी, 2000 वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था
25 भव्य वातानुकूलित कोर्ट रूम बनकर तैयार, सौर ऊर्जा के भी बेहतर इंतजाम
सुप्रीम कोर्ट परिसर से कई गुना बड़ा है।
165 एकड़ में फैला इसका परिसर सुप्रीम कोर्ट के परिसर (22 एकड़) से भी कई गुना बड़ा है। इस भव्य इमारत के निर्माण में 550 करोड़ रुपये की लागत आई है। नए हाई कोर्ट परिसर में 500 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। दो बड़े हॉल में 1200 अधिवक्ताओं के बैठने की जगह बनाई गई है, जबकि 540 चैंबर भी अधिवक्ताओं के लिए अलग से बनाए गए हैं।
मामलों की सुनवाई के लिए 25 भव्य वातानुकूलित कोर्ट रूम बनाए गए हैं। 30 हजार वर्गफीट में लाइब्रेरी बनाई गई है। वहीं, परिसर में 2000 वाहनों के पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार से लेकर न्यायपालिका के अधिकारी तक सभी नए भवन के उद्घाटन अवसर को यादगार बनाने में जुटे हैं। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा लगातार हाई कोर्ट परिसर में चल रही तैयारियों का मुआयना कर रहे हैं।
करीब 68 एकड़ में हुए हाई कोर्ट भवन के निर्माण में तीन ब्लॉक बनाए गए हैं। न्यायिक ब्लॉक में दो तल हैं। इनमें पहले तल पर चीफ जस्टिस के कोर्ट सहित कुल 13 कोर्ट का निर्माण किया गया है, जबकि दूसरे तल पर 12 कोर्ट बनाए गए हैं।
अधिवक्ता चैंबर ब्लॉक, टाइपिस्ट ब्लॉक बनाया गया है। इसके अलावा 70 पुलिसकर्मियों के लिए बैरक का निर्माण भी किया गया है। महाधिवक्ता कार्यालय अलग से बनाया गया है। जिसमें महाधिवक्ता का चैंबर, चार अपर महाधिवक्ता और 95 सरकारी वकीलों के लिए चैंबर होगा।
इसके अलावा इसमें 30 लोगों के बैठने के लिए कॉन्फ्रेंस हाल भी बनाया गया है। नए हाई कोर्ट भवन का कुल निर्माण क्षेत्र 68 एकड़ के करीब है, जिसमें पार्किंग, कोर्ट रूम, अधिवक्ता हॉल, रजिस्ट्री भवन सहित दूसरे इंतजाम हैं। परिसर को हरा-भरा रखने के लिए कुल 4436 पौधे लगाए गए हैं। परिसर में पोस्ट कार्यालय, डिस्पेंसरी, रेलवे बुकिंग काउंटर और छोटे बच्चों के खेलने की जगह (क्रेच) का भी निर्माण किया गया है।
सौर ऊर्जा का भी बेहतरीन प्रयोग-
झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन में सौर ऊर्जा का भी बेहतरीन प्रयोग दिखेगा। पूरे क्षेत्र में लगभग 60 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति सौर ऊर्जा से ही होगी। इसके लिए पार्किंग क्षेत्र में 2000 KVA का सोलर पॉवर प्लांट लगाया जा रहा है। इसके अलावा पॉवर बैकअप देने के लिए 2000 केवी के जेनरेटर भी लगाए गए हैं, जिसमें 1500 केवी का एक और 500-500 केवी की क्षमता के दो जेनरेटर हैं।
30 हजार वर्गफीट में बनी हाई कोर्ट लाइब्रेरी-
हाई कोर्ट के नए परिसर में 30 हजार वर्गफीट में लाइब्रेरी बनाई गई है, जिसमें करीब पांच लाख से अधिक कानूनी पुस्तकें रखी जा सकती हैं। चीफ जस्टिस कोर्ट से ठीक उपर बनी लाइब्रेरी में सभी सुविधा उपलब्ध हैं, जिसमें जज सहित दूसरे न्यायिक पदाधिकारी बैठकर अध्ययन कर सकते हैं।