चंडीगढ़ | 23 फरवरी 2025 – पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को खालिस्तान समर्थक और जेल में बंद लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें उन्होंने संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। यह याचिका उनकी लंबी अनुपस्थिति के कारण लोकसभा की सदस्यता समाप्त होने की आशंका के मद्देनजर दायर की गई थी।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या संसद में इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कोई समिति गठित की गई है या नहीं। अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 25 फरवरी को होगी।
छह दिन शेष, संसद सत्र में भाग न लेने पर खतरे में आ सकती है सदस्यता
अमृतपाल सिंह के वकील ने दलील दी कि अब केवल छह दिन शेष हैं, जिसके भीतर उन्हें संसद सत्र में उपस्थित होना होगा, अन्यथा उनकी सांसद सदस्यता समाप्त हो सकती है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 101(4) के तहत यदि कोई सांसद बिना पूर्व अनुमति के लगातार 60 दिनों तक संसद की कार्यवाही से अनुपस्थित रहता है, तो सदन उनकी सदस्यता रद्द कर सकता है।
अमृतपाल सिंह, जो पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से स्वतंत्र सांसद हैं, अब तक 46 दिन से अनुपस्थित हैं। यदि वे अगले 12 दिनों में संसद नहीं पहुंचते, तो उनकी सीट रिक्त हो सकती है।
पहले भी दायर की थी याचिका
अमृतपाल सिंह ने इससे पहले भी 23 जनवरी 2025 को एक याचिका दाखिल कर गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने और संसद में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की थी।
उन्होंने दलील दी थी कि उनकी गैरमौजूदगी से उनके 19 लाख मतदाताओं की आवाज संसद में नहीं पहुंच पा रही है। साथ ही, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे उनकी लोकप्रियता को दबाने की साजिश करार दिया था।
कौन हैं अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल सिंह ने 2024 लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। वे अमृतसर के जल्लू खेड़ा गांव के निवासी हैं और फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
दुबई में रह चुके अमृतपाल वर्ष 2022 में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद पंजाब लौटे थे। इसके बाद उन्होंने दीप सिद्धू के खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की कमान संभाल ली।
अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल 2023 को पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी से पहले 23 फरवरी 2023 को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अजनाला पुलिस थाने पर प्रदर्शन किया था और पुलिसकर्मियों से झड़प के दौरान अपने एक साथी को छुड़ाने का प्रयास किया था, जिसे भड़काऊ भाषण और खालिस्तान समर्थक बयान देने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
अब हाईकोर्ट के अगले आदेश का इंतजार किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि अमृतपाल सिंह को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मिलेगी या नहीं।
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