राहुल गांधी पर ‘दोहरी नागरिकता’ का आरोप: लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका, आर्टिकल 9 के उल्लंघन का दावा

राहुल गांधी

राहुल गांधी पर ‘दोहरी नागरिकता’ का आरोप: लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका, आर्टिकल 9 के उल्लंघन का दावा

हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद तय होगी सुनवाई की तारीख; याचिकाकर्ता ने की केंद्र से जांच की मांग

लखनऊ, 14 मई 2025:
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक नए कानूनी विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर भारतीय नागरिकता के साथ-साथ ब्रिटिश नागरिकता भी रखने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका आज रजिस्ट्री के समक्ष पेश की गई, जिसे कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।


याचिकाकर्ता का पक्ष:

याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने दावा किया है कि राहुल गांधी ने स्वेच्छा से ब्रिटिश नागरिकता ग्रहण की है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 का स्पष्ट उल्लंघन है। शिशिर के अनुसार,

“भारतीय नागरिकता कानूनों के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार करता है, उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।”

इस आधार पर याचिका में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर भी प्रश्न उठाया गया है और केंद्र सरकार से उनकी नागरिकता की स्थिति स्पष्ट करने व मामले की जांच करने की मांग की गई है।


पृष्ठभूमि: याचिका पहले भी हो चुकी है खारिज

बता दें कि इसी मुद्दे पर पहले भी एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसे 5 मई 2025 को लखनऊ खंडपीठ ने यह कहते हुए निस्तारित कर दिया था कि याचिकाकर्ता उपयुक्त कानूनी विकल्प अपनाएं। अब याचिकाकर्ता ने नई याचिका दायर कर पुनः मुद्दा उठाया है। फिलहाल यह याचिका रजिस्ट्री स्तर पर लंबित है और कोर्ट के समक्ष मंजूरी के लिए प्रस्तुत की गई है।

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संवैधानिक और विधिक परिप्रेक्ष्य:

  • संविधान का अनुच्छेद 9 कहता है कि कोई भी व्यक्ति जो स्वेच्छा से विदेशी नागरिकता स्वीकार करता है, वह भारतीय नागरिक नहीं रह सकता।
  • भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है।
  • यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो लोकसभा सदस्यता रद्द होने तक की कार्रवाई संभव है।

आगे की प्रक्रिया:

  • याचिका की प्रारंभिक स्वीकृति के बाद कोर्ट सुनवाई की तिथि निर्धारित करेगा।
  • यदि कोर्ट याचिका को विचारणीय मानता है, तो केंद्र सरकार से जवाब तलब किया जा सकता है।
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