राजस्थान उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनकी कथित “न्यायपालिका में भ्रष्टाचार” टिप्पणी पर नोटिस जारी किया।
हाई कोर्ट ने वकील शिवचरण गुप्ता की जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि उन्होंने किस आधार पर बयान दिया।
गहलोत के बयान के बाद शुक्रवार को उनके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया।
हाईकोर्ट ने गहलोत से कोर्ट में भ्रष्टाचार पर उनके बयान का आधार पूछा है।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में दलील दी गई है कि सीएम ने जजों के साथ-साथ वकीलों की प्रतिष्ठा को कम करने वाला बयान दिया है।
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।
“यह बयान अदालत की अवमानना की परिभाषा के अंतर्गत आता है, इसलिए उच्च न्यायालय को संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत संज्ञान लेना चाहिए और अवमाननाकर्ता को दंडित करना चाहिए।”
बयान पर विवाद के बाद गहलोत ने सफाई देते हुए ट्वीट किया था, ”न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर मैंने जो कहा, वह मेरी निजी राय नहीं है।”