POCSO COURT से फांसी की सजा पाए अभियुक्त की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, र‍िकार्ड तलब किया-

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हाईकोर्ट ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में देहरादून की पॉक्सो कोर्ट POCSO COURT से हत्यारे को फांसी की सजा दिए जाने के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई की।

कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद सीएमओ CHIEF MEDICAL OFFICER देहरादून को अभियुक्त की मेडिकल जांच हेतु एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर मेडिकल की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में 13 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।

अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि निचली अदालत में मेडिकल जांच नहीं हुई थी, जबकि उसका कॉलर बोन पहले से ही टूटा हुआ था, वह कैसे दुष्कर्म व हत्या कर सकता है। उसकी मेडिकल जांच कराई जाए और रिकार्ड तलब किया जाय।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक में मामले की सुनवाई हुई। दरअसल देहरादून के त्यूणी रोटा खड्ड के पास दो फरवरी 2016 को क्षेत्र वासियों को एक शव पेड़ पर लटका हुआ दिखा। पुलिस द्वारा शव की पहचान नवीं में पढ़ने वाली एक नेपाली मूल की छात्रा के रूप में की गयी।

क्षेत्रवासियों ने पुलिस को यह भी बताया कि यह छात्रा पहली जनवरी 2016 को वाहन चालक मोहम्मद अजहर निवासी अम्बाडी डाकपत्थर जिला देहरादून को मोटर साइकिल में देखा गया। पुलिस द्वारा जब उसके घर मे छापा मारा तो वह फरार था। गहन खोजबीन करने पर पुलिस ने उसे हिमांचल के सिरमौर से पांच जनवरी 2016 को गिरफ्तार किया।

अभियुक्त ने पुलिस के सामने यह बयान दिया कि उसने पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया बाद में उसके शव को पेड़ में लटका दिया। उसने बचने के लिए मामले को सुसाइड का रूप दिया। उसके दुपट्टे से शव को पेड़ पर लटका दिया। डीएनए DNA जांच में भी इसकी पुष्टि हुई।

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अभियुक्त को देहरादून पॉक्सो कोर्ट की विशेष जज रमा पांडे ने 12 दिसंबर 2018 को फांसी की सजा के साथ 70 हजार का अर्थदण्ड से भी दण्डित किया। पॉक्सो कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि 50 हजार रुपये मृतक के परिजनों को और 20 हजार रुपये राजकीय खजाने में जमा किए जाएं। इस आदेश के खिलाफ अभियुक्त ने उच्च न्यायलय में अपील दायर की।

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