जज बनने के बाद उन्हें चुनाव या जनता की जांच का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन आज सोशल मीडिया का जमाना है और सोशल मीडिया के इस युग में जनता सब देख रही है।
कॉलेजियम के बीच जारी टकराव के बीच एक बार फिर कानून मंत्री किरेन रिजिजू का एक बड़ा बयान सामने आया है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, जज बनने के बाद उन्हें चुनाव या जनता की जांच का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन आज सोशल मीडिया का जमाना है और सोशल मीडिया के इस युग में जनता सब देख रही है।
गौरतलब हो कि इससे पहले किरेन रिजिजू ने रविवार को हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड न्यायाधीश आर एस सोढ़ी का एक इंटरव्यू शेयर किया था जिसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद न्यायाधीशों की नियुक्ति का फैसला कर संविधान को ‘हाईजैक’ कर लिया है। कानून मंत्री ने यह इंटरव्यू शेयर करके दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एस सोढ़ी (सेवानिवृत्त) के विचारों का समर्थन करने का आह्वान किया था। अब फिर किरेन रिजिजू ने जजों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
ताजा दिए बयान के अनुसार रिजिजू ने कहा है कि जजों के फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं और अपना आकलन करते हैं, उसे जनता देख रही है। रिजिजू ने कहा है कि भारत में लोकतंत्र सिर्फ जीवित ही नहीं, बल्कि मजबूती से आगे चले, उसके लिए एक मजबूत और आजाद न्यायपालिका का होना जरूरी है। न्यायपालिका की आजादी को कमजोर या उसके अधिकार, सम्मान और गरिमा को कम करेंगे, तो लोकतंत्र सफल नहीं होगा।
कानून मंत्री रिजिजू ने कहा, जज बनने के बाद उन्हें चुनाव या जनता की जांच का सामना नहीं करना पड़ता है। जजों के फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं और अपना आकलन करते हैं, उसे जनता देख रही है। जजों के फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं और अपना आकलन करते हैं, उसे जनता देख रही है। सोशल मीडिया के इस युग में कुछ भी नहीं छुपाया जा सकता है।
एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने CJI को एक पत्र लिखा, जिसके बारे में किसी को नहीं पता था। पता नहीं किसे कहां से पता चला और खबर बना दी कि कानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखा कि कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिए। इस बात का कोई सर पैर नहीं। मैं कहां से उस प्रणाली में एक और व्यक्ति डाल दूंगा।