अदालतों में अब वकीलों की जगह रोबोट करेंगे बहस, नई टेक्नोलॉजी के विकास से वकीलों को खतरा

वर्तमान समय में दुनिया में जितनी तेजी से चीजें और इंसानों की जिंदगी बदल रही है और रोजमर्रा के काम में मशीनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उससे जाहिर है कि इंसानों की जगह मशीने लेने लगी हैं।

इस बीच ये खबर बेहद ही चौकाने वाली है कि एक कोर्ट में इंसानों का केस एक रोबोट वकील लड़ने वाला है। यह रोबोट वकील अगले ही महीने इंसानों को डिफेंड करता नजर आएगा।

आज साइंस बहुत तेज़ी से तरक़्क़ी कर रही है। दुनिया में ऐसे कईं आविष्कार हुए जिन्होंने इंसानों का काम आसान कर दिया है। बल्कि ऐसी बहुत-सी मशीनें भी बन गई हैं जिन्होंने इंसानों की जगह ले ली है। इंसानों की जगह कई कंपनियां मशीनों को हायर कर रही हैं, जिससे कंपनियों का खर्च भी कम हो गया है। इससे बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जा रही हैं और रोज़गार के मौके भी कम हो गए हैं। नौकरियां कम होने के अंदेशे से पूरी दुनिया डरी हुई है। इस बीच खबर आई है कि अब मशीनें कोर्ट में इंसानों के लिए केस लड़ेगी। जी हां, अदालतों में अब वकीलों की जगह जल्द ही रोबोट किसी मामले की बहस करते नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि अगले महीने ही पहली बार अमेरिका की एक अदालत में एक रोबोट वकील देखने को मिलेगा।

कोर्ट में बहस करते नजर आएगा वकील रोबोट-

अब तक आपने शारीरिक श्रम वाले कामों में मशीनों को इंसानों की मदद करते हुए देखा होगा या फिर प्रोग्रामिंग वाले काम रोबोट कर सकते हैं। मशीनें काम तो कर सकती हैं लेकिन उनके पास इतना विवेक नहीं होता है कि वो तर्क कर सकें। हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए अब ये भी पॉसिबल हो गया है कि मशीनें तर्क और बहस भी कर सकती हैं।

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ट्रैफिक से जुड़े मामले के लिए किया गया है विकसित-

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला ये वकील फरवरी में इंसानों को डिफेंड करता नजर आएगा। हालांकि, अभी इसकी सही डेट और कोर्ट के बारे में नहीं बताया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से व्यक्ति को ट्रैफिक से जुड़े एक मामले के लिए डिफेंड करेगा। AI रोबोट को ‘DoNotPay’ नाम के एक स्टार्टअप ने बनाया है। यह स्मार्टफोन पर चलेगा और रियल टाइम में अदालत की सभी दलीलें सुनेगा।

केस लड़ने के लिए किया गया प्रशिक्षित-

DoNotPay एक कानूनी सेवा चैटबोट है, जिसकी स्थापना 2015 में ब्रिटिश-अमेरिकी एंटरप्रेन्योर जोशुआ ब्राउनर ने की थी। पहले ये चैटबोट सिर्फ कंज्यूमर्स को लेट फीस और फाइन के बारे में बताना था लेकिन अब वो केस लड़ने के लिए भी प्रशिक्षित हो चुका है। ब्राउनर ने कहा कि इस AI रोबोट को मामले के बारे में प्रशिक्षित करने में काफी समय लगा।

वकीलों की नौकरी पर खतरा-

जोशुआ ब्राउडर का कहना है कि यूरोपियन कोर्ट में मानवाधिकार के लिए लड़ने वाले कई अच्छे वकील हैं लेकिन उनकी फीस काफी ज्यादा है। ऐसे में चैटबोट के ज़रिये केस लड़ना काफी सस्ता होगा क्योंकि ये डॉक्यूमेंटेशन के लिए ज्यादा पैसे नहीं चार्ज करेगा। इसकी फीस केस के मुताबिक 20 हज़ार से 1 लाख रुपये तक हो सकती है।

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