सद्गुरु ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, AI के ज़रिए छवि के दुरुपयोग पर रोक की मांग
न्यायालय ने कहा— अंतरिम आदेश जल्द जारी किया जाएगा, प्रतिष्ठा भी व्यक्ति की गरिमा का हिस्सा
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी व्यक्तिगत छवि और पहचान के अधिकारों (personality rights) की सुरक्षा की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से कई वेबसाइट्स उनके नाम और तस्वीर का अनाधिकृत उपयोग कर प्रोडक्ट्स बेचने में धोखाधड़ी कर रही हैं।
क्या कहा सद्गुरु ने:
न्यायमूर्ति सौरभ बेनर्जी की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सद्गुरु की ओर से कहा गया:
“मेरे नाम और छवि का उपयोग कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। ‘गर्भ यात्रा’ नामक एक किताब इसका उदाहरण है, जिसमें मेरी तस्वीर कवर पर है। लोग मेरी प्रतिष्ठा पर भरोसा कर ऐसे उत्पाद खरीद रहे हैं, यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है।”
याचिका में कहा गया कि ये संस्थाएं AI का इस्तेमाल कर झूठे प्रचार कर रही हैं, जिससे उनकी छवि को क्षति पहुंच रही है।
Google का पक्ष:
Google की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि ऐसे मामलों में प्रभावित पक्ष को पहले विशिष्ट URL रिपोर्ट करना होता है, तभी कोई कार्रवाई संभव है।
कोर्ट की प्रतिक्रिया:
संक्षिप्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि वह शीघ्र अंतरिम आदेश जारी करेगा।
गौरतलब है कि मार्च 2025 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक यूट्यूबर द्वारा सद्गुरु की संस्था ईशा फाउंडेशन के खिलाफ प्रकाशित वीडियो और कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया था। उस फैसले में कोर्ट ने कहा था:
“प्रतिष्ठा व्यक्ति की गरिमा का अभिन्न हिस्सा है, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा प्रतिष्ठा के अधिकार के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।”
यह मामला भारत में AI के ज़रिए डिजिटल छवि और नाम के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों की ओर भी इशारा करता है, जहां मशहूर हस्तियों की पहचान को गलत तरीके से भुनाया जा रहा है। कोर्ट का अंतरिम आदेश अब इस दिशा में अहम दृष्टांत हो सकता है।
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