पीठ ने कहा, हमारे सामने रखी गई परिस्थितियों में संस्थाओं से निविदाएं आमंत्रित करना… आवंटन का सबसे पारदर्शी और गैर-मनमाना तरीका है।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा, ‘बोली आमंत्रित करना’ आवंटन का सबसे पारदर्शी और गैर-मनमाना तरीका है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह आपूर्तिकर्ताओं को नामांकित करने के बजाय निविदाएं आमंत्रित करके आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद करे।
शीर्ष अदालत ने विभिन्न फैसलों का जिक्र करते हुए कहा, सरकार जनता के साथ व्यवहार करते समय मनमानी नहीं कर सकती, चाहे वह नौकरी दे रही हो या अनुबंध कर रही हो।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने पीएसयू इंडियन मेडिसिंस फार्मास्युटिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड की याचिका को खारिज कर दिया। इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुुनौती दी गई थी जिसमें कहा गया था कि राज्य बिना निविदा आमंत्रित किए पीएसयू से आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद नहीं कर सकता।
पीठ ने कहा, हमारे सामने रखी गई परिस्थितियों में संस्थाओं से निविदाएं आमंत्रित करना… आवंटन का सबसे पारदर्शी और गैर-मनमाना तरीका है। इसलिए, अपीलकर्ता को निविदाओं जैसी मुक्त व पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से ही आयुर्वेदिक दवाएं खरीदनी चाहिए। पीठ ने कहा, अपीलकर्ता इस नियम से हटकर सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ही नामांकन के जरिये दवाओं की खरीद कर सकता है।