‘The Kerala Story’ पर पश्चिम बंगाल में प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर आज 12 मई को SC करेगा सुनवाई

Estimated read time 1 min read

बहुचर्चित फिल्म ‘The Kerala Story’ के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और तमिलनाडु में अघोषित बैन के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया है.

बुधवार को Supreme Court में इस मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने CJI डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामले को मेंशन किया.

मेंशन करने पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने याचिका पर सुनवाई की सहम​ति देते हुए इसे शुक्रवार 12 मई को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए.

सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर आज 12 मई शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

हर दिन नुकसान
व​रिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने निर्माताओं का पक्ष रखते हुए सीजेआई के पीठ के समक्ष कहा कि निर्माता के रूप में हर दिन पैसे का नुकसान उठा रहे है, अब दूसरे राज्य कहते हैं कि वे भी ऐसा ही करेंगे.

हरीस साल्वे की दलील को सुनने के साथ ही सीजेआई की पीठ ने कहा कि वे इस मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर रहे है.

सीजेआई की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को याचिका की प्रतियां राज्य सरकार को देने के निर्देश दिए.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 8 मई को राज्य में नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने के लिए राज्य में विवादास्पद फिल्म The Kerala Story की स्क्रीनिंग पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सिनेमा विनियमन अधिनियम, 1954 की धारा 6 (1) के तहत इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में निर्माताओं ने अधिनियम की इस धारा की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है, जिसके तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था.

ALSO READ -  तलाकशुदा मुस्लिम महिला 'इद्दत' अवधि के बाद भी जब तक वह दोबारा शादी नहीं करती, सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की हकदार है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर की गयी याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार के इस आदेश को चुनौती देने के साथ ही तमिलनाडु राज्य द्वारा फिल्म पर लगाए गए अघोषित प्रतिबंध को भी चुनौती दी गई है.

तमिलनाडु में सरकार की ओर से फिल्म को लेकर अलर्ट जारी किया गया जिसमें फिल्म की रिलीज के संबंध में सिनेमाघरों पर विरोध प्रदर्शन की आशंका जताई गई थी. जिसके चलते तमिलनाडु के अधिकांश सिनेमाघरों ने फिल्म को वापस ले लिया.

द केरला स्टोरी केरल की महिलाओं के एक समूह के बारे में एक हिंदी फिल्म है जो आईएसआईएस में शामिल होती है. यह फिल्म 5 मई को रिलीज हुई है.

सिनेमा (विनियमन) अधिनियम को चुनौती-

याचिका में निर्माताओं ने दलील दी है कि पश्चिम बंगाल सिनेमा (विनियमन) अधिनियम, 1954 की धारा 6 (1) “असंवैधानिक है, भारत के संविधान के भाग III का अधिकारातीत होने के कारण, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से मनमाना है और दर्शकों को अनिर्देशित और निरंकुश विवेक प्रदान करता है.

याचिका में कहा गया है कि राज्य में लागू कानून के अनुसार सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए विधिवत प्रमाणित फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने में कानून और व्यवस्था के कथित विचारों का हवाला नहीं दिया जा सकता है.

याचिका में कहा गया कि इस तरह का कोई भी प्रतिबंध भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत मौलिक अधिकार पर मुक्त भाषण पर अनुचित प्रतिबंध लगाता है.

तमिलनाडु में अघोषित प्रतिबंध को लेकर याचिका में कहा गया है कि राज्य के अधिकारियों से फिल्म प्रदर्शकों को स्पष्ट रूप से अनौपचारिक संदेश के कारण सिनेमाघरों ने फिल्म वापस ले ली है क्योकि सरकार फिल्म चलाने का समर्थन नहीं करती है.

ALSO READ -  HC - प्रेमी जोड़े की तलाश में वकील की पत्नी को बनाया था बंधक, हाईकोर्ट ने SIT को दिए जांच के आदेश

याचिका में राज्यों को फिल्म के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए थिएटर मालिकों और दर्शकों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

You May Also Like