स्किन तो स्किन टच: जज ने सेवाकाल ख़त्म होने के एक दिन पहले दिया इस्तीफा-

Estimated read time 1 min read

स्किन टू स्किन टच मामले में विवादित फैसला सुनाकर सुर्खियों में रही अतिरिक्त जज पुष्पा गनेडीवाला (Additional Judge Pushpa Ganediwala) ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। माना जा रहा है कि यह इस्तीफा एडिशनल जज के तौर पर सेवा विस्तार न मिलने और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में जगह न मिलने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया।

हालांकि 12 फरवरी को हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में उनकी सेवा का अंतिम दिन है, लेकिन इससे पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। 11 फरवरी को आखिरी दिन पुष्पा गनेडीवाला हाईकोर्ट आएंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अब वह उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करेंगी।

क्या है स्किन टू स्किन टच मामला-

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि बिना त्वचा से त्वचा (skin-to-skin contact) के संपर्क में आए नाबालिग के निजी अंगों को टटोलना POCSO ACT (पॉक्सो एक्ट)के तहत नहीं आता है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को उठाया।

फिर इस याचिका का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग, महाराष्ट्र सरकार समेत कई अन्य पक्षों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई 30 सितंबर को पूरी हुई।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा था कि हाईकोर्ट के फैसले का मतलब है कि अगर यौन उत्पीड़न के आरोपी और पीड़िता के बीच सीधा त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं होता है तो पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता है। अटॉर्नी जनरल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत के इस फैसले से व्यभिचारियों को खुली छूट मिलेगी और उन्हें दंडित करना बेहद जटिल और मुश्किल होगा।

You May Also Like