सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार से बड़ा सवाल पूछा कि राज्य किसी व्यक्ति को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा है

संदेशखली मामले में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को बड़ा झटका लगा ह। राशन घोटाले, यौन उत्पीड़न एवं भूमि हड़पने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ⁠42 मामलों को CBI को ट्रांसफर करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। ⁠ दरअसल आज संदेशखाली मामले मे कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा CBI जांच कराए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई है।

सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 43 एफआईआर राशन घोटाले मे दाखिल कर दी गई है। राजनीतिक वजहों से इसे बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।

संदेशखाली कांड की CBI जांच पर रोक लगाने से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच रोकने का कोई औचित्य नहीं है। अदालत में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 43 FIR राशन घोटाले मे दाखिल कर दी गई है। राजनीतिक वजहों से इसे बढ़ा चढाकर बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणियों से जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से बड़ा सवाल पूछा कि राज्य किसी व्यक्ति को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा है।

हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती-

ज्ञात हो की पश्चिम बंगाल ममता सरकार, कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले की जांच CBI से कराने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस वी आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही थी।

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5 जनवरी 2024 को ये मामला तब सामने आया था, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम राशन घोटाले मामले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के ठिकाने पर छापेमारी करने संदेशखाली पहुंची थी। जिस पर शाहजहां शेख के समर्थकों ने हमला कर दिया गया था।

संदेशखाली मामला क्या है-

CBI संदेशखाली में पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की भी जांच कर रही है। टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर राशन घोटाला मामले में छापेमारी करने पहुंचे ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया था। आरोप है कि शाहजहां शेख के इशारे पर ही जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हमला किया गया था। शाहजहां और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप भी है। विवाद बढ़ने पर टीएमसी ने शाहजहां को पार्टी से निलंबित कर दिया था।

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