नवजात शिशु तस्करी पर सख्त रुख: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश

नवजात शिशु तस्करी पर सख्त रुख: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवजात शिशु तस्करी को रोकने के लिए दिए गए दिशा-निर्देश


नवजात शिशु तस्करी पर सख्त रुख: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश

नई दिल्ली | अप्रैल 2025
सुप्रीम कोर्ट ने नवजात शिशुओं की तस्करी पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कहा है कि यदि किसी अस्पताल से कोई नवजात शिशु तस्करी का शिकार होता है, तो उस अस्पताल की लाइसेंस को तत्काल निलंबित कर देना चाहिए।

जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने देशभर में शिशु तस्करी पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक व्यापक दिशा-निर्देशों का सेट जारी किया। कोर्ट ने कहा कि इन निर्देशों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की ढिलाई को अवमानना माना जाएगा।


🔴 प्रमुख निर्देश और टिप्पणियां:

  • अस्पताल पर कार्रवाई:
    यदि किसी अस्पताल से नवजात की तस्करी होती है, तो उस अस्पताल की लाइसेंस तत्काल निलंबित कर दी जाए।
  • ट्रायल में तेजी:
    सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में लंबित शिशु तस्करी से जुड़े मामलों की स्थिति की जानकारी इकट्ठा करें और ट्रायल कोर्ट को छह महीने के भीतर मामलों का निपटारा करने का सर्कुलर जारी करें।
  • दैनिक सुनवाई की सलाह:
    ज़रूरत पड़ने पर मामलों की दैनिक सुनवाई (day-to-day hearing) की जाए ताकि त्वरित न्याय सुनिश्चित हो सके।
  • बच्चों के प्रति सतर्कता की अपील:
    कोर्ट ने कहा,

    “जब बच्चा मर जाता है, तो माता-पिता समय के साथ ईश्वर की मर्ज़ी मान लेते हैं, लेकिन जब बच्चा गुम हो जाता है और नहीं मिलता, तो वो दर्द जीवन भर के लिए बन जाता है। यह मृत्यु से भी अधिक कष्टदायक है।”

    अतः कोर्ट ने सभी माता-पिता और अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों के प्रति अत्यधिक सतर्क और जागरूक रहें।

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय पर आपत्ति:
    कोर्ट ने शिशु तस्करी के आरोपियों को बेल देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की आलोचना की और उनकी बेल रद्द कर दी।
  • BIRD रिपोर्ट पर कार्रवाई का आदेश:
    सभी राज्य सरकारों को भारतीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान (BIRD), नई दिल्ली द्वारा मानव तस्करी पर प्रस्तुत रिपोर्ट का अध्ययन करने और उसकी सिफारिशों को लागू करने के निर्देश दिए गए।

📅 अगली सुनवाई: अक्टूबर 2025

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की प्रगति और अनुपालन की समीक्षा के लिए अक्टूबर 2025 में फिर से सुनवाई की जाएगी।

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