वाराणसी रोपवे स्टेशन निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश

वाराणसी रोपवे स्टेशन निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के गोदौलिया क्षेत्र में प्रस्तावित रोपवे स्टेशन के निर्माण पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। यह आदेश दशाश्वमेध घाट की निवासी तीन महिलाओं की याचिका पर दिया गया, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जमीन का विधिवत अधिग्रहण किए बिना ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

याचिकाकर्ताओं की दलील पर सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान

न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने मनीषा सिंह, सुचित्रा सिंह और प्रतिमा सिंह द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार, वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। साथ ही, आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक निर्माण कार्य पर यथास्थिति बनी रहे

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को निर्धारित की है। यह आदेश केवल उन तीन महिलाओं की संपत्तियों पर चल रहे निर्माण कार्य तक सीमित रहेगा

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) द्वारा रोपवे स्टेशन का निर्माण उनकी भूमि पर किया जा रहा है, जबकि उनके स्वामित्व वाली फ्री होल्ड संपत्तियों का अधिग्रहण कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना किया गया

इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से उन्हें कोई अंतरिम राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

याचिकाकर्ताओं ने अवैध तोड़फोड़ और बिना पूर्व सूचना के उनकी संपत्ति पर निर्माण कार्य प्रारंभ करने का आरोप लगाया। उनका दावा है कि उन्हें प्राधिकरण द्वारा कोई लिखित नोटिस भी नहीं दिया गया और न ही मुआवजे की पेशकश की गई

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याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि वे नियमित रूप से संपत्ति कर (Property Tax) का भुगतान कर रही थीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर नोटिस तो जारी किया था, लेकिन किसी प्रकार की अंतरिम राहत नहीं दी थी।

प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, वाराणसी के मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने कहा कि प्रशासन इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दाखिल करेगा। उन्होंने कहा कि गोदौलिया क्षेत्र में रोपवे स्टेशन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया नियमानुसार पूरी की जा रही है और यह मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है।

प्रभावित पक्षकारों का पक्ष

याचिकाकर्ता सुचित्रा सिंह के पति सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी गोदौलिया क्षेत्र में तीन बिस्वे फ्री होल्ड और दो बिस्वे नजूल भूमि है

पहले, रोपवे का निर्माण गोदौलिया क्षेत्र में प्रस्तावित था, फिर इसे गिरजाघर क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया, लेकिन बाद में उन्हें सूचित किया गया कि एक पिलर उनकी जमीन में जाएगा और उन्हें इसका मुआवजा दिया जाएगा

हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें पूरी जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए कहा गया, क्योंकि वहां रोपवे स्टेशन बनाया जाना था। इसी बीच, 30 दिसंबर को वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनका मकान ध्वस्त कर दिया

इस पर, उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोई अंतरिम राहत नहीं मिली, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने 14 अप्रैल तक निर्माण कार्य पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया

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