सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, सुरक्षा उपायों के लिए PIL पर विचार करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, सुरक्षा उपायों के लिए PIL पर विचार करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में भगदड़ एक “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” थी, लेकिन देश भर से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा उपाय और दिशा-निर्देश लागू करने के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI संजीव खन्ना और पीवी संजय कुमार की पीठ ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और यह चिंता का विषय है, लेकिन उच्च न्यायालय का रुख करें।” उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि घटना की जांच के लिए पहले ही एक न्यायिक आयोग का गठन किया जा चुका है। रोहतगी ने कहा कि इसी तरह की एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहले ही दायर की जा चुकी है।

पीठ ने वकील से कहा कि वह अपनी याचिका के साथ उच्च न्यायालय का रुख करें। याचिका में निर्देश मांगा गया था कि वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए या उन्हें कोई खतरा नहीं होना चाहिए और महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार से 29 जनवरी को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

याचिका में लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया गया है।

याचिका में कहा गया है, “उत्तर प्रदेश राज्य को 29 जनवरी, 2025 को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दें और लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दें।”

ALSO READ -  सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न पीड़ितों के मुआवजे के लिए योजनाओं के कार्यान्वयन की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

याचिका में कहा गया है कि भगदड़ सरकारी अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर की गई चूक, लापरवाही और प्रशासन की पूरी तरह विफलता के कारण लोगों की विकट स्थिति और नियति को दर्शाती है।

29 जनवरी की सुबह महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। याचिका में सभी राज्यों को प्रयागराज में अपने सुविधा केंद्रों पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षा उपायों और दिशा-निर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि अन्य भाषाओं में घोषणाएं, दिशा-निर्देश, सड़कें आदि दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि दूसरे राज्यों के लोगों को परेशानी न हो और उन्हें आसानी से मदद मिल सके।

याचिका में कहा गया है, “सभी राज्य सरकारें श्रद्धालुओं द्वारा पालन किए जाने वाले बुनियादी दिशा-निर्देशों और सुरक्षा उपायों के बारे में एसएमएस, व्हाट्सएप संदेश भेजने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड संदेशों की भी व्यवस्था करें, ताकि लोगों को आसानी से जानकारी मिल सके। उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से राज्य सरकारें प्रयागराज महाकुंभ में डॉक्टरों और नर्सों वाली अपनी छोटी मेडिकल टीम भी तैनात करें ताकि मेडिकल इमरजेंसी के समय मेडिकल स्टाफ की कमी न हो।”

Translate »