सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका Petition को खारिज कर दिया, जिसमें देश भर के बार एसोसिएशनों Bar Associations और बार काउंसिलों Bar Council में राजनीतिक दलों Political Parties के सदस्यों Members को पद संभालने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि बार निकायों में राजनीतिक रूप से संबद्ध व्यक्तियों के पदों पर रहने में कुछ भी गलत नहीं है।
शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल Kapil Sibbal (CONGRESS नेता भी) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा (BJP नेता भी) का नाम लेते हुए पूछा कि क्या याचिकाकर्ता उन्हें बाहर करना चाहता है?
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि यदि राजनीतिक विचारधारा वाले व्यक्ति उनके निर्वाचित नेता बन जाते हैं तो बार निकायों की स्वतंत्रता से समझौता किया जाएगा।
इसके बाद बेंच ने राम जेठमलानी RAM JETHAMALANI का उदाहरण दिया, जिन्होंने राजनीति में सक्रिय रहते हुए बीसीआई अध्यक्ष और एससीबीए अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
इसने आगे पूछा कि क्या याचिकाकर्ता चाहता है कि बार को ऐसे बहु-प्रतिभाशाली व्यक्तियों की सेवाओं से वंचित किया जाए।
हालाँकि, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन आगे बढ़ाने की छूट दी।