सुप्रीम कोर्ट ने धोनी को 150 करोड़ के लेन देन विवाद में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा, भेजा नोटिस-

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महेंद्र सिंह धोनी पूर्व कप्तान इंडियन क्रिकेट टीम को सर्वोच्च अदालत ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन्हें आम्रपाली ग्रुप संग 150 करोड़ रुपये के लेन-देन के मामले में जारी किया गया है। दरअसल, आम्रपाली ग्रुप के फ्लैंट्स की डिलीवरी को लेकर एक विवाद चल रहा है। इसी को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसी दौरान धोनी से जुड़ा मामला भी सामने आया।

जानकारी हो की, महेंद्र सिंह धोनी को आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रुपये का बकाया लेना है। वहीं, दूसरी तरफ ग्रुप के ग्राहकों को उनके फ्लैट्स नहीं मिल रहे हैं।

यह मामला सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। ऐसे में कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप और धोनी को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है।

धोनी की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कार्यवाही शुरू की थी। धोनी को आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रुपये का बकाया लेना है। वहीं, दूसरी तरफ ग्रुप के ग्राहकों को उनके फ्लैट्स नहीं मिल रहे हैं। इसी को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। ऐसे में कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप और धोनी को नोटिस जारी किया है।

इतना ही नहीं सर्वोच्च अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है। धोनी की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कार्यवाही शुरू की थी।

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धोनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दी थी कि आम्रपाली ने उनकी फीस नहीं दी है। उन्होंने कोर्ट से इस मामले में मध्यस्ता की मांग की थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने धोनी को नोटिस दिया है। धोनी की उस अर्जी के बाद आम्रपाली ग्रुप सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

आम्रपाली ग्रुप का कहना था कि फंड की कमी की वजह से लोगों को फ्लैट नहीं मिल पा रहा है और दूसरी तरफ धोनी 150 करोड़ रुपये की मांग करते हुए मामला मध्यस्थ कमेटी के पास ले गए हैं। अगर मध्यस्थ कमेटी धोनी के पक्ष में फैसला सुनाती है तो आम्रपाली ग्रुप को 150 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे। ऐसे में खरीददारों को फ्लैट मिलना मुश्किल हो जाएगा।

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने धोनी को नोटिस थमाया है।

दरअसल, आम्रपाली ग्रुप पर आरोप था कि उन्होंने अपने ग्राहकों से पैसे लेने के बावजूद अब तक फ्लैट्स नहीं दिए हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने पर मामला कोर्ट तक पहुंच गया। धोनी तब आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर थे। उन्होंने उस दौरान ग्रुप के लिए कई विज्ञापन भी शूट किए थे। साल 2016 में आम्रपाली ग्रुप के विरोध में कई कैम्पेन चलाए गए थे। इसके बाद धोनी ने खुद को इस ग्रुप से अलग कर लिया था।

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