सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि वह वैवाहिक दुष्कर्म के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जनवरी के दूसरे हफ्ते से सुनवाई शुरू करेगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध न मानने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 375 की संवैधानिक वैधता को परखेगा।
मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह निर्देश कोर्ट में एक ताजा रिट पिटीशन दायर होने के बाद जारी किए।
वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने बेंच को बताया कि इस मामले में अलग-अलग याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट की ही अलग-अलग बेंच के पास लंबित हैं और इन्हें किसी एक बेंच द्वारा सुना जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि दिल्ली हाईकोर्ट में वैवाहिक दुष्कर्म को लेकर दो जजों की बेंच ने विभाजित फैसला दिया था। इसे लेकर भी सुप्रीम कोर्ट के सामने एक याचिका दायर है। इसके अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मामले में पत्नी के साथ रेप के दोषी व्यक्ति को सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ भी सर्वोच्च न्यायालय में कुछ याचिकाएं लंबित हैं।
जहां दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर एडवोकेट करुणा नंदी पक्ष रख रही हैं, वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट वाले फैसले पर इंदिरा जयसिंह वकील हैं। दोनों ही सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मौजूद रहीं।
इसके बाद बेंच ने मामले पर जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई का आदेश दिया।