Tag: ARTICLE 21
अगर अभियुक्त के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है तो संवैधानिक न्यायालय को प्रतिबंधात्मक वैधानिक प्रावधानों के कारण जमानत देने से नहीं रोका जा सकता – सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यदि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अभियुक्त के अधिकार का उल्लंघन किया गया है, तो न्यायालय को दंड विधान में प्रतिबंधात्मक वैधानिक प्रावधानों के कारण अभियुक्त को जमानत देने से नहीं [more…]
सुप्रीम कोर्ट की विशेष टिप्पणी ‘जमानत के आदेश पर रोक दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही लगे’, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होता है तो ये विनाशकारी होगा
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान जमानत पर रोक को लेकर अहम टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि जमानत के आदेश पर रोक दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही लगनी चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि [more…]
इस्लाम में आस्था रखने वाला व्यक्ति ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ में किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकता, खासकर तब जब वह शादी शुदा हो – इलाहाबाद HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाल ही में मुस्लिम व्यक्ति के लिव-इन रिलेशनशिप अधिकार को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा कि इस्लाम में आस्था रखने वाला व्यक्ति लिव-इन-रिलेशनशिप की प्रकृति में किसी [more…]
SC ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि केवल संसद को ही धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव किए बिना विवाह के लिए एक समान न्यूनतम आयु निर्धारित करने का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और दिल्ली उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की थी जो एक वकील और राजनेता हैं। उनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता [more…]
रिट याचिका से न्यायिक देरी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी मौलिक अधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए रिट याचिका दायर करके लंबित आपराधिक अपील में देरी पर सवाल नहीं उठा सकता है, और कहा है कि किसी विशेष मामले पर निर्णय लेने [more…]
आरोप तय करने के बाद मेडिकल जांच का आदेश देने के लिए अदालत सीआरपीसी की धारा 53ए का इस्तेमाल नहीं कर सकती: कलकत्ता उच्च न्यायालय
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 53-ए अदालत को आरोप तय करने के साथ समाप्त होने वाले जांच चरण के बाद चिकित्सा परीक्षण का निर्देश देने की कोई शक्ति नहीं देती है। अदालत ने पितृत्व परीक्षण [more…]
‘सभी नागरिकों को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण का मौलिक अधिकार है’: SC ने केंद्र को हेवी ड्यूटी डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की नीति बनाने का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को प्रदूषण मुक्त वातावरण का मौलिक अधिकार है, जिसकी गारंटी भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में दी गई है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (‘ईपीसीए’) की सिफारिशों की [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा किशोरियों को ‘अपनी यौन इच्छाओं को नियंत्रित करने’ की सलाह देने की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट की ओर इन टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए “इन रे: राइट टू प्राइवेसी ऑफ एडोलसेंट” टाइटल से एक स्वत: संज्ञान मामला शुरू किया, कहा कि जजों से उपदेश देने की अपेक्षा नहीं की जाती सुप्रीम कोर्ट ने किशोरों के [more…]
नागरिकता कानून की चुनौती के बीच सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ ने असम में अवैध प्रवासियों का डेटा मांगा
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता से संबंधित सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और असम सरकारों को असम में अवैध आप्रवासन पर विस्तृत डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता [more…]
सुप्रीम कोर्ट ‘6 महीने के बाद सभी नागरिक, आपराधिक मामलों में रोक को स्वचालित रूप से हटाने’ पर अपने 2018 के फैसले पर करेगा पुनर्विचार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ‘एशियन रिसर्फेसिंग मामले’ पर अपने 2018 के फैसले पर आपत्ति व्यक्त की, जिसमें आदेश दिया गया था कि छह महीने की अवधि समाप्त होने पर सभी नागरिक और आपराधिक मामलों में रोक स्वत: हट जाएगी। भारत [more…]