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CrPC Sec 482 के तहत HC में निहित शक्तियों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक, सतर्कता और संयम के साथ किया जाना चाहिए: SC

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता CrPC की धारा 482 के तहत उच्च न्यायालयों में निहित शक्तियों का इस्तेमाल सावधानी, सतर्कता और संयम के साथ करना चाहिए। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति [more…]

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एक ही घटना पर दूसरी दर्ज प्राथमिकी कानून का दुरुपयोग, CrPC Sec 173 के तहत फाइनल रिपोर्ट का इन्तजार किए बिना रद्द की जा सकती है – HC

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक मामले कि सुनवाई करते हुए माना कि यदि किसी घटना के संबंध में दूसरी एफआईआर दर्ज की जाती है, जिस पर पहले से एफआईआर मौजूद हो तो यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है [more…]

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HC ने SC द्वारा दक्साबेन (सुप्रा) निर्धारित दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए समझौते पर FIR रद्द करने के आधार को किया ख़ारिज-

वर्तमान याचिका धारा 482 सीआरपीसी के तहत दायर किया गया है साथ ही साथ दिनांक 25.3.2021 के आरोप पत्र को रद्द करने की मांग संज्ञान आदेश दिनांक 7.4.2021 और पूरी कार्यवाही सत्र परीक्षण संख्या 1678 2021 के अपराध संख्या 832 से [more…]

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सीआरपीसी धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने वाले न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि के बाद समझौते को दर्ज करने की अनुमति है – HC

माना गया था कि गैर-जघन्य अपराधों से संबंधित आपराधिक कार्यवाही या जहां अपराध मुख्य रूप से निजी प्रकृति के हैं, इस तथ्य के बावजूद कि मुकदमा पहले ही समाप्त हो चुका है या सजा के खिलाफ अपील रद्द रहती है, उसे [more…]

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पार्टियों के बीच सहमति से संबंध: सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला किया रद्द-

सुप्रीम कोर्ट ने जब यह देखा कि पार्टियों के बीच संबंध की प्रकृति, सहमति के थे, तब कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ [more…]

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HC ने कहा कि Article 226 में निहित शक्तियां CrPC की धारा 482 की तुलना में बहुत अधिक, समझौते के आधार पर FIR रद्द की जाती है –

इंडियन पेनल कोड की धारा 323 ए, 504 ए, 506 कंपाउंडेबल हैं। धारा 376 ए, 354 यहां पर लागू नहीं होतीं, क्योंकि पीड़ित की चिकित्सकीय जांच नहीं की गई है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि एक बार पार्टियों [more…]

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वैवाहिक विवाद, क्या समझौते के आधार पर खत्म हो सकता है मुकदमा? इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला-

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा कि वैवाहिक विवाद जैसे निजी विवादों में पक्षकारों के बीच समझौता होने के आधार पर दर्ज मुकदमा समाप्त किया जा सकता है। साथ ही साथ हाई कोर्ट ने कहा कि जहां गंभीर प्रकृति [more…]

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केवल प्रतिशोध में FIR दर्ज होना, धारा 482 CrPC के तहत प्राथमिकी को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता: उच्च न्यायालय

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में दिए अपने निर्णय में कहा कि केवल प्रतिशोध में FIR दर्ज होना, धारा 482 सीआरपीसी के तहत प्राथमिकी को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता। न्यायमूर्ति चीकाती मानवेंद्रनाथ रॉय की बेंच के [more…]