Tag: Know the law
उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में की अहम टिप्पणी, कहा माता पिता नाजायज हो सकते हैं, मगर बच्चे नहीं-
विधिक अपडेट- माता-पिता नाजायज हो सकते हैं, मगर बच्चे नहीं, क्योंकि अपने जन्म में बच्चे की कोई भूमिका नहीं होती है। यह अहम टिप्पणी कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मामले में एकल जज की पीठ के आदेश को खारिज करते हुए की। [more…]
जनसंख्या विस्फोट भारत में 50 फीसद से अधिक समस्याओं का मूल कारण, सरकार से नियंत्रित करने का निर्देश-
जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नियम, कानून और दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम [more…]
27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई टली-
विधिक अपडेट – सुनवाई 23 जुलाई 2021 साकेत कोर्ट, दिल्ली ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुब मीनार परिसर में बने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करनेवाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 23 [more…]
केरल हाईकोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासन के डेयरी फार्मों को बंद करने और स्कूली बच्चों के आहार से मांस हटाने के आदेश पर रोक लगाई
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने नए प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के निर्देशन में लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा पारित दो विवादास्पद आदेशों के संचालन पर रोक लगा दी है। पहला, द्वीप में प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे डेयरी फार्मों को बंद करने [more…]
क्या चश्मदीद गवाह की गवाही को इसलिए खारिज किया जा सकता है, क्योंकि वह पीड़ित का रिश्तेदार है-
रिपोर्ट-राजेश कुमार गुप्ता,अधिवक्ता, वाराणसी दिनांक 18.8.1993 को माधव जी (मृतक) अपने बेटे के साथ खेत पर मौजूद थे, तब ही उन पर अमरा, काचरू, कारू, सुरताराम, लालू और भागीरथ ने हमला किया। मृतक के रोने की आवाज सुनकर कुछ लोग मौके [more…]
केवल OBC-NCL प्रमाण पत्र जमा करने में हुई देरी के आधार पर उम्मीदवारी को खारिज नहीं किया जा सकता- केरल हाईकोर्ट
विधिक अपडेट– मामला- आईआईएसईआर बनाम डॉ स्मिता वीएस केरल हाईकोर्ट ने आईआईएसईआर बनाम डॉ स्मिता वीएस में सुनवाई करते हुए कहा कि ओबीसी कैटेगरी के तहत उम्मीदवारी को केवल ओबीसी-एनसीएल प्रमाण पत्र जमा करने में हुई देरी के आधार पर खारिज [more…]
ट्रायल कोर्ट को कारावास की कई सजाएं देते समय स्पष्ट शब्दों में यह बताना होगा कि सजाएं साथ-साथ चलेंगी या एक के बाद एक – सुप्रीम कोर्ट
विधिक अपडेट– एक महत्वपूर्ण अवलोकन में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट को कारावास के कई दंड देते समय स्पष्ट शब्दों में यह निर्दिष्ट करना होगा कि दंड समवर्ती होंगे या क्रमानुगत। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस [more…]
SUPREME COURT ने CHEQUE BOUNCING CASES के त्वरित निपटारे को सुनिश्चित करने पर जोर दिया-
Supreme Court on Cheque Bouncing Cases
Supreme Court e-committee ने e-courts परियोजना के Phase-III के लिए दृष्टिकोण पत्र का मसौदा किया जारी-
Supreme Court e-committee ने e-courts