केंद्र ने हाई कोर्ट में कहा Whats App भारतीय कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती नहीं दे सकता क्योंकि यह एक विदेशी संस्था है-

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Court में केंद्र ने Whats App को बताया विदेशी संस्था, कहा- हमारे कानून की संवैधानिकता पर सवाल नहीं उठा सकती और भारत में इसका कोई व्यवसाय नहीं है.

केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकार जरूर दिए गए हैं, लेकिन वो किसी भी विदेशी संस्था को नहीं मिलते हैं.

केंद्र की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप (Whats App) संग लंबे समय से नए कानून new it rules 2021 india को लेकर तल्खी चल रही है.

केंद्र सरकार के नए कानून new it rules 2021 india को लेकर लगातार व्हाट्सएप अपनी आपत्ति दर्ज करवा रहा है. लेकिन अब दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र ने व्हाट्सएप की याचिका को ही खारिज करने की मांग कर दी है. बड़ा हमला करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ही विदेशी संस्था बता दिया है.

केंद्र का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप (Whats App) पर हमला

केंद्र सरकार ने कहा कि व्हाट्सएप भारतीय कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती नहीं दे सकता क्योंकि यह एक विदेशी संस्था है और भारत में इसका कोई व्यवसाय नहीं है. सरकार ने ये भी तर्क रख दिया कि मौलिक अधिकार सिर्फ देश के नागरिकों के लिए होते हैं किसी विदेशी संस्था के लिए नहीं.

अब ये सारा विवाद केंद्र के नए आईटी कानून new it rules 2021 india को लेकर है जिसमें केंद्र ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मूल स्त्रोत की जानकारी देनी होगी. अब कानून के इसी पहलू पर व्हाट्सएप को आपत्ति है क्योंकि उसकी नजर में ऐसा होने पर लोगों की निजता पर असर पड़ेगा और उनकी एंड टू एंड इंक्रिप्शन end to end encryption policy वाली पॉलिसी भी खतरे में आ जाएगी. इसी वजह से इस मामले को व्हाट्सएप द्वारा कोर्ट में ले जाया गया था.

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किस बात को लेकर विवाद?

अब शुक्रवार की सुनवाई में केंद्र ने व्हाट्सएप की उस याचिका को ही खारिज करने की मांग कर दी. केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकार जरूर दिए गए हैं, लेकिन वो किसी भी विदेशी संस्था को नहीं मिलते हैं. ऐसे में व्हाट्सएप को भारत के किसी भी कानून की संवैधानिकता पर सवाल उठाने का हक नहीं है. पिछली सुनवाई के दौरान भी केंद्र सरकार ने कहा था कि नए आईटी नियम (new it rules 2021 india) के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मूल स्त्रोत की जानकारी इसलिए ली जा रही है जिससे गंभीर अपराधों में आरोपियों की जल्द धरपकड़ हो सके. वहीं उन अपराधों को रोकने में भी मदद मिल सकती है.

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