केंद्र सरकार ने अधिनियम की धारा 10(26) के मद्देनजर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194 A के तहत TDS के प्रावधानों में दी ढील-

tds e1632197371931

केंद्र सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 197ए की उप-धारा (1एफ) के तहत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए अधिसूचित किया है कि अधिनियम की धारा 194ए के तहत निम्नलिखित भुगतान पर कर यानी टैक्‍स की कोई कटौती नहीं की जाएगी।

उदाहरण के लिए, अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य (जिसे अब से ‘भुगतान प्राप्‍तकर्ता’ कहा जाएगा), जो अधिनियम की धारा 10(26) में उल्लिखित किसी निर्दिष्ट क्षेत्र में निवास करता हो, को किसी निर्दिष्ट क्षेत्र में स्थित अनुसूचित बैंक (जिसे अब से ‘भुगतानकर्ता’ कहा जाएगा) द्वारा ब्याज के रूप में किए गए भुगतान पर टैक्‍स की कोई कटौती नहीं की जाएगी। प्रतिभूतियों पर देय ब्याज इसमें शामिल नहीं है।

इस संबंध में निम्न शर्तें लागू होंगी-

  1. स्वयं भुगतानकर्ता को इस बात को लेकर आश्‍वस्‍त रहना चाहिए कि भुगतान प्राप्‍तकर्ता अनुसूचित जनजाति का एक सदस्य है जो किसी निर्दिष्ट क्षेत्र में ही निवास करता है, उपर्युक्त भुगतान उस निर्धारण वर्ष से संबंधित पिछले वर्ष के दौरान भुगतान प्राप्तकर्ता को अर्जित या उत्पन्न हो रहा हो जिसमें भुगतान किया गया है, इससे जुड़े समस्‍त आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त कर लिए गए हों;
  2. भुगतानकर्ता को उपर्युक्त भुगतान के बारे में टैक्‍स कटौती संबंधी विवरण में जानकारी देनी होगी, जैसा कि अधिनियम की धारा 200 की उप-धारा (3) में निर्दिष्‍ट है;
  3. पिछले वर्ष के दौरान किया गया भुगतान या कुल भुगतान बीस लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

उपर्युक्त अधिसूचना के प्रयोजन के तहत ‘अनुसूचित बैंक’ से आशय एक ऐसे बैंक से है जो भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल है।

अधिसूचना संख्या 110/2021, दिनांक 17 सितंबर  2021, को बाकायदा जारी कर दिया गया है। यह www.incometaxindia.gov.in  पर और इसके साथ ही www.egazette.nic.in  पर भी उपलब्ध है।

ALSO READ -  आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देश को समृद्धशाली बनाने का लिया संकल्प-
Translate »