#ViralVideo #socialMediaPost राजस्थान उच्च न्यायलय जयपुर के एक वकील ने जमादार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इसको लेकर वकील गोवर्धन सिंह ने अपने सोशल मीडिया Social Media पर एक वीडियो Video भी शेयर की है। जिसमें एक व्यक्ति वकील के साथ पैसे का लेनदेन करता दिख रहा है।
क्या था मामला-
वकील गोवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट Social media Post में लिखा कि हाईकोर्ट जज के चैंबर में केवल जमादार आता-जाता रहता है। हाईकोर्ट से फैसला हो जाने के बाद वकीलों को जमादार को रिश्वत देनी पड़ती है। अगर कोई वकील इस जमादार को ज्यादा रिश्वत देता है, उसकी फाइल सुनवाई खत्म होने से पहले ही आ जाएगी। अगर रिश्वत नहीं दी तो हो सकता है आदेश की पांच-सात दिन में भी ना मिले। लगभग सभी जमादार रिश्वत लेते हैं लेकिन आज तक कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि हाईकोर्ट जजों को भी यह पता होता है कि उनके जमादार एक महीने में लाखों रुपये रिश्वत लेते हैं क्योंकि कुछ जज, वकील के रूप में इनको रिश्वत देते-देते ही जज बने हैं। वकील ने वीडियो के आधार पर जमादार के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस घटना के सूचना के तत्काल बाद वकील गोवर्धन सिंह और वकील परमेश्वर लाल पिलानिया की सदस्यता राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर (RHCBA) ने तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।
साथ ही साथ राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर ने अलग से अनुरोध किया है कि राजस्थान बार काउंसिल दो महीने के भीतर उक्त दो अधिवक्ताओं की जांच कराकर उनका पंजीकरण रद्द करने पर निर्णय ले।
कथित तौर पर, अधिवक्ता गोवर्धन सिंह और अधिवक्ता परमेश्वर लाल पिलानिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें जस्टिस नरेंद्र सिंह धड्डा के जमादार पर एक वकील से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।
राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने निकला वकीलों को-
राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के कार्यालय आदेश संख्या RHCBA 182 /2022 दिनांक 29 अप्रैल 2022 के अनुसार, उसे 20 अप्रैल, 2022 को उपरोक्त अधिवक्ताओं के खिलाफ बार के सदस्यों से लगभग 100 शिकायतें और 29 अप्रैल, 2022 को लगभग 50 अभ्यावेदन प्राप्त हुए।
बार एसोसिएशन के अनुसार, प्राप्त शिकायतों के आधार पर, बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ और बार से मिली जानकारी के अनुसार दोनों अधिवक्ताओं ने जबरन राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर परिसर में अशर को 100 / – रुपये देकर फेसबुक और वाट्सएप पर एक वीडियो वायरल कर दिया। इसके अलावा, एसोसिएशन ने दावा किया कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की आड़ में सोशल मीडिया पर अपमानजनक लिखित बयान दिए।
राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के कार्यालय आदेश संख्या RHCBA 182 /2022 दिनांक 29 अप्रैल 2022 के अनुसार माननीय न्यायाधीश एवं अन्य अधिवक्ताओं के साथ सुनवाई के दौरान दोनों अधिवक्ताओं ने अभद्र व्यवहार किया।
कार्यालय आदेश के अनुसार, एक अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए, दो वकीलों ने विरोधी पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए, न्यायाधीश पर खुद को अलग करने के लिए अनावश्यक दबाव डाला। कार्यालय आदेश के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन इस तरह की कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है।