सरकारी स्कूल हटाकर शापिंग मॉल: छात्र के लेटर पर उच्च न्यायलय ने मुख्य सचिव को दिया नोटिस-

सरकारी स्कूल हटाकर शापिंग मॉल: छात्र के लेटर पर उच्च न्यायलय ने मुख्य सचिव को दिया नोटिस-

विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी शहर में पूर्व मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार ने भी पढ़ाई की है

शिमला : हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट Himanchal Pradesh High Court ने मुख्य सचिव Chief Secretory और अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस Notice हाई कोर्ट ने लिखित पत्र पर स्वतः संज्ञान में लिया है। पत्र एक छात्र ने हाई कोर्ट को लिखा था और आरोप लगाया है कि मंडी शहर के एक सरकारी स्कूल परिसर में अमीर और राजनीतिक नेताओं के फायदे के लिए बड़े शॉपिंग मॉल Shopping Mall का प्रस्ताव रखा गया है।

छात्र ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन Lock Down के दौरान सरकार ने विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की इमारत, उसके खेल का मैदान और मंच और खाली जगह को नष्ट कर दिया।

सरकार पर प्ले ग्राउंड नष्ट करने का आरोप-

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि खेल के मैदान के अस्तित्व को एक निजी स्कूल खोलने के लिए एक अनुलाभ के रूप में पेश किया गया है, लेकिन यहां सरकार ने खुद खेल के मैदान को नष्ट कर दिया है।

‘प्रभावशालियों को फायदे के लिए फैसला’-

सरकार के डर से स्थानीय निवासी, मीडिया और सामाजिक संगठन सामने नहीं आ रहे हैं। याचिकाकर्ता ने आगे दावा किया कि भवन में पहले एक प्राथमिक सरकारी स्कूल था, जिसे कुछ साल पहले बंद कर दिया गया। अब सरकार वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को भी बंद करने की योजना बना रही है ताकि अमीर और प्रभावशाली व्यक्तियों को समायोजित किया जा सके।

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गरीब, अनाथ बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं-

याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि गरीब, अनाथ और प्रवासी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं और अधिकारियों द्वारा छात्रों का परिणाम खराब करने की धमकी देकर मानसिक रूप से दबाव डाला जा रहा है और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं।

एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने भी की यहां से पढ़ाई

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार ने भी स्कूल में पढ़ाई की है। उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को अगली तारीख से पहले अपना जवाब जमा करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद की जाएगी।

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