वकीलों का एक समूह अनुमिता भद्रा के नेतृत्व में सुअर घाना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
कोलकाता उच्च न्यायाल ने नाडिया जिला पुलिस को कल्याणी कोर्ट परिसर से गायब हुई घाना नाम की सुअर को खोज कर लाने के आदेश दिए। कार से हुआ था अपहरण।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार (15 जुलाई, 2022) को कल्याणी कोर्ट परिसर से गायब हुए सूअर को खोजने के आदेश नडिया जिला पुलिस को दिए हैं।
घाना नाम के सूअर को खोजने की याचिका कल्याणी कोर्ट के कुछ अधिवक्ताओं ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल की थी। वकीलों के मुताबिक अदालत कैम्पस में रहने वाली इस सुअर को 25 मार्च, 2022 की सुबह 6 बजे किसी ने चुरा लिया था तबसे उसका कोई अता-पता नहीं है।
मीडिया सूत्रों के हवाले से याचिकाकर्ताओं में से एक एडवोकेट शिवाजी ने बताया, “हम सब ग़ायब हुई घाना (सूअर) से बेहद प्यार करते थे। हम उसका पूरा ध्यान भी रखते थे और उसको खाना भी खिलाते थे। वो हमेशा कोर्ट कैम्पस में ही रहती थी और कभी बाहर नहीं जाती थी। एक सफाईकर्मी ने उसे चोरी होते देखा है। सफाईकर्मी के अनुसार कोई सफ़ेद कार में आया और उसे ले कर भाग गया। स्वीपर द्वारा बनाए गए वीडियो में कार का नंबर भी दिखाई दे रहा है।”
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक घाना नाम की यह सुअर स्थाई तौर पर ACJM कोर्ट के ही आस-पास रहती थी। वहाँ पर कुछ कुत्ते भी रहा करते थे। 25 मार्च को घाना के गायब होते थी वकीलों और आस-पास के स्थानीय लोगों ने कल्याणी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। कोर्ट की रात्रि ड्यूटी पर तैनात गार्डों ने भी पुलिस को बताया कि घाना को कुछ अनजान लोग कार में लाद कर ले गए। कार का नंबर प्लेट पीले रंग से था।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस द्वारा उनके इस शिकायत पर कुछ नहीं किया गया। इसके बाद वकीलों का एक समूह अनुमिता भद्रा के नेतृत्व में सुअर घाना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने FIR दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी। वकीलों का आरोप है कि इसके बावजूद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आखिरकार वकीलों ने हाईकोर्ट में घाना सूअर को खोजने की याचिका दाखिल कर दी।
वकीलों की इस याचिका पर न्यायमूर्ति शंपा शंकर ने नडिया पुलिस को उसकी लापरवाही पर लताड़ लगाई। जजों ने पुलिस से सवाल किया कि क्या वो उस कार को अब तक नहीं तलाश पाए जिस से घाना का अपहरण किया गया था। न्यायमूर्ति ने रानाघाट के पुलिस अधीक्षक को खुद इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ कल्याणी थाना पुलिस के उस जाँच अधिकारी पर कार्रवाई करने को भी कहा जिन्होंने केस में पशु क्रूरता की धारा नहीं लगाई थी।
हाई कोर्ट ने ACJM कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाने के भी आदेश दिए। इस मुद्दे पर कल्याणी थाना पुलिस ने बिना कोर्ट का आदेश देखे किसी भी प्रकार की टिप्पणी से इंकार कर दिया।