हाई कोर्ट ने कहा: FIR को उसके मरने से पहले दिए गए बयान के रूप में माना जा सकता है क्योंकि मृतिका ने एफआईआर स्वयं दर्ज करवाई थी-

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वास्तविक जीवन में पत्नी अपने पति को किसी और के साथ नहीं देख सकती, हाई कोर्ट ने कहा-

इलाहाबाद उच्च न्यायलय Allahabad High Court ने एक महिला की आत्महत्या के मामले में पति की याचिका को खारिज कर दिया। पति ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दायर की थी। उसने महिला को आत्महत्या Woman Suicide Case करने के लिए उकसाने के आरोप से खुद को बरी किए जाने की मांग की थी। दरअसल, उसकी पत्नी ने बिना बताए दूसरी शादी कर लेने के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।

कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने माना कि एक विवाहित महिला अपने पति को लेकर काफी पजेसिव होती हैं। वह अपने पति को किसी और के साथ शेयर नहीं कर सकती।

जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने व्यक्ति की रिवीजन याचिका का खारिज करते हुए कहा कि भारतीय महिला किसी भी स्थिति में अपने पति को साझा नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि किसी भी विवाहित महिला के लिए यह सबसे बड़ा झटका होगा कि उसका पति किसी अन्‍य महिला के साथ रहने लगे। या फिर, वह किसी अन्‍य महिला के साथ शादी करने जा रहा हो। ऐसी स्थिति में उससे किसी तरह की समझदारी की उम्‍मीद नहीं की जा सकती। इस मामले में ऐसा ही हुआ जब महिला ने यह पता चलने के बाद आत्‍महत्‍या कर ली कि उसके पति ने किसी अन्‍य महिला के साथ गुपचुप शादी कर ली है।

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पति के खिलाफ मामला दर्ज कराकर किया था सुसाइड-

पत्नी ने पति के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराकर सुसाइड कर लिया था। दरअसल, आरोपी सुशील कुमार की पत्‍नी ने सितंबर 2018 में उसके और परिवार के सभी सदस्‍यों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 494, 504, 506, 379 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी पहले से ही किसी अन्‍य महिला के साथ शादीशुदा था। उस शादी से उसके दो बच्‍चे हैं। इसके बाद उसने तलाक दिए बगैर तीसरी शादी कर ली।

महिला ने आरोपी और उसके परिवार के सदस्‍यों पर मारपीट, दुर्व्‍यवहार और गाली-गलौच करने का भी आरोप लगाया। आरोपी ने जब उसे छोड़ दिया और एक नई महिला को अपने घर में रख लिया तो महिला ने एफआईआर दर्ज करवाने का फैसला लिया। उसके बाद महिला ने जहर खाकर आत्‍महत्‍या कर ली।

आरोपी सुशील कुमार ने माना है कि उसने सितंबर 2018 में तीसरी शादी की थी। इसके बाद कोर्ट ने माना कि महिला के आत्महत्या के फैसले के पीछे एक मात्र कारण पति का तीसरा विवाह ही है।

तथ्यों का अवलोकन करते हुए, अदालत ने कहा-

मृतका ने पति की एक अन्य महिला (तीसरी शादी) से शादी के बारे में पता चलते ही एफआईआर दर्ज करवा दी थी और इसलिए, एफआईआर को उसके मरने से पहले दिए गए बयान के रूप में माना जा सकता है क्योंकि मृतक ने यह एफआईआर स्वयं दर्ज करवाई थी। वहीं एफआईआर दर्ज करवाने के बाद, अगले दिन ही उसने आत्महत्या कर ली थी। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिला को एक अजीब स्थिति में फंसा दिया गया था, और इसलिए, उससे किसी भी तरह की समझदारी की उम्मीद करना असंभव होगा। कोर्ट ने कहा, ”ठीक ऐसा ही इस मामले में भी हुआ, जहां यह पता चलने के तुरंत बाद कि उसके पति ने किसी अन्य महिला के साथ गुपचुप तरीके से शादी कर ली है, अपने आप में आत्महत्या करने के लिए पर्याप्त कारण से अधिक है।”

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इसे आत्महत्या के लिए उकसाने का कारण माना गया। कोर्ट ने पूरे मामले को सुनने के बाद रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया।

केस टाइटल – सुशील कुमार व 6 अन्य बनाम यू.पी. राज्य व अन्य
केस नंबर – क्रिमिनल रिवीजन नंबर – 1092/2022

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