सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के टिप्पणी, ‘सुप्रीम कोर्ट से कोई उम्मीद नजर नहीं आती’ के बाद अखिल भारतीय बार एसोसिएशन द्वारा जारी बयान सामने आया है। जिसमे बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने कहा है कि उनका बयान स्पष्ट रूप से न्यायलय की अवमानना है।
उन्होंने कहा, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्ब्ल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। ऐसे में उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण और अवमाननापूर्ण है। डॉ. आदिश ने कहा, अगर अदालत ने विभिन्न मामलों में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल की पसंद का फैसला नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं है कि न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है। उन्होंने कहा, सिब्बल न्याय व्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं, लेकिन अगर उन्हें वास्तव में अदालत से कोई उम्मीद नहीं है, तो वह अदालतों के सामने पेश न होने के लिए स्वतंत्र हैं।
सीनियर एडवोकेट जेठमलानी ने भी कसा तंज-
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, कपिल सिब्बल की टिप्पणी उन लोगों के छोटे समूह के लिए होगी, जो उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट उनके अनुसार निर्णय देगा। वह एक वरिष्ठ वकील हैं, मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने ऐसी टिप्पणी की। फैसलों की आलोचना की जा सकती है लेकिन संस्थानों को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। जेठमलानी ने आगे कहा कि वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संस्थान सम्मान देना चाहिए। यह एक वकील और सांसद होने के नाते उनका कर्तव्य है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एमके मिश्रा ने दी प्रतिक्रिया-
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एमके मिश्रा ने कपिल सिब्बल के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ‘मुझे नहीं लगता कि इस तरह के बयान की किसी के द्वारा सराहना की जा सकती है। वह लंबे समय से कानून का अभ्यास कर रहे थे, और अदालत ने उन्हें इतना सम्मान दिया, अब इस स्तर पर जब उन्होंने कुछ मामलों को खो दिया है तो पूरी न्यायिक प्रणाली को दोष देना उचित नहीं है।’
क्या कहा था कपिल सिब्बल ने?
कपिल सिब्बल ने यह टिप्पणी एक पीपुल्स ट्रिब्यूनल में की, जो 6 अगस्त को दिल्ली में कैंपेन फॉर जुडीशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म Campaign for Judicial Accountability and Reform, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज People’s Union for Civil Liberties और नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट्स National Alliance of People’s Movements द्वारा ‘नागरिक स्वतंत्रता के जुडीशियल रोलबैक’ पर आयोजित किया गया था। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर आपको लगता है कि आपको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं। मैं यह 50 साल की प्रैक्टिस के बाद कह रहा हूं। उन्होंने कहा, कोर्ट भले ही किसी मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाए, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत बमुश्किल ही बदलती है। उन्होंने कहा, 50 सालों के बाद मुझे लगता है कि संस्थान से मुझे कोई उम्मीद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट निजता पर फैसला देता और ईडी के अधिकारी आपके घर आते हैं… आपकी निजता कहां है?