कोर्ट को गुमराह करने के लिए याचिका आधे-अधूरे तथ्यों के साथ की दायर, क्यों न याची के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाए – इलाहाबाद हाईकोर्ट

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तथ्यों का खुलासा करते हुए स्वच्छ हृदय से याचिका दाखिल करनी चाहिए। याची ने जानकारी होने के बाद भी आधे-अधूरे तथ्यों के साथ कोर्ट को गुमराह करने के लिए याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याची हेमंत कुमार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही की जाए। साथ ही याचीकाकर्ता को चार नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यह आदेश एसबीजे इंटर काॅलेज बिसवार, हाथरस के लेक्चरर हेमंत कुमार की याचिका पर दिया है। याचिका में याचीकाकर्ता ने प्रधानाचार्य का वेतनमान तय कर एक नवंबर 2019 से भुगतान करने की मांग की थी। उनकी दलील थी कि काॅलेज के प्रधानाचार्य देशराज सिंह को गबन के आरोप में 21 जनवरी 2019 को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद एक नवंबर 2019 से वह कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूम में कार्य कर रहे हैं।

याचीकाकर्ता ने इस तथ्य को छुपाया कि प्रधानाचार्य के बर्खास्तगी के आदेश का माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अनुमोदित करने से इन्कार कर दिया था। इसके खिलाफ प्रबंध समिति की याचिका पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इन सभी तथ्यों की याची व उसके अधिवक्ता को पूरी जानकारी थी। इसके बाद भी तथ्य छिपाकर याचिका दायर की। तथ्य की जानकारी के बावजूद कोर्ट को गुमराह करने के लिए याचिका दायर की। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है।

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