अजमेर सेंट्रल जेल Ajmer Central Jail में फर्जी वकील Fake Advocate बनकर बंद विचाराधीन बंदी से मुलाकात करने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण के बाद जेल प्रशासन ने फर्जी व्यक्ति और सहयोग करने वाले वकील के खिलाफ सिविल लाइन थाने में केस दर्ज कराया है।
जानकारी हो की साकून- नरेना जयपुर हाल केन्द्रीय कारागृह अजमेर के प्रहरी गणेश खौजी पुत्र धीसालाल खोजी (28) ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर के अधिवक्ता महेश गुर्जर की आई.डी. से फर्जी व्यक्ति हाजीपुरा-पीपलु टोंक सुभाष पुत्र मदन लाल अजमेर आया।
अजमेर के प्रहरी गणेश खौजी पुत्र धीसालाल खोजी (28) ने रिपोर्ट दी। जिसमें उसने बताया कि हाईकोर्ट जयपुर के वकील महेश गुर्जर की फर्जी आईडी से तीन जून को टोंक निवासी सुभाष पुत्र मदन लाल अजमेर सेंट्रल जेल आया। उसने जेल में विचाराधीन बंदी हरिनारायण पुत्र विजय सिंह मीणा ( 52) निवासी किशोरपुरा-बिन्दायका जिला जयपुर से मुलाकात की। इसी दरौन ड्यूटी पर तैनात संतरी मांगीलाल को फर्जी व्यक्ति का शक हुआ। उसने सुभाष से पूछताछ की तो वह नाम, पता, जन्म तिथि सही नहीं बता पाया।
इसके बाद वकील महेश गुर्जर से फोन पर पूछताछ की गई तो उन्होंने अपनी आईडी जितेन्द्र चौधरी के पास होना बताया और कहा कि वे जेल में नहीं आए। जिसके बाद फर्जी वकील सुभाष के खिलाफ फर्जी आईडी का उपयोग कर मुलाकात करने और जितेंद्र चौधरी पर उसका सहयोग करने का एफआईआर दर्ज करवाया गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।