यू.पी. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को MP-MLA स्पेशल कोर्ट से झटका-

यू.पी. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को MP-MLA स्पेशल कोर्ट से झटका-

कोर्ट ने कहा – धमकाने का मुकदमा नहीं होगा वापस

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की मुश्किल बढ़ सकती है। दरअसल, एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने नंदी पर दर्ज बैंक मैनेजर को धमकाने का मुकदमा वापस लेने से इनकार कर दिया है। साथ ही, मुकदमा वापसी की अर्जी भी खारिज कर दी है। बता दें, इस मामले की सुनवाई स्पेशल कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव कर रहे है।

एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा अर्जी खारिज के फैसले के बाद मंत्री नंदी और अकाउंटेंट गणेश वाजपेयी पर मुकदमा चलेगा। बता दें, अभियोजन पक्ष की ओर से 6 दिसंबर 2018 को मुकदमा वापस लेने की अर्जी लगाई गई थी। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्षकार एक प्राइवेट व्यक्ति है और आरोप पत्र में लगाए गए आरोप में सात वर्ष की सजा है। ऐसे में अभियोजन की अर्जी निरस्त किए जाने योग्य है। अदालत ने मामले में आरोप तय करने के लिए 21 सितंबर को नंदी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा है।

क्या था मामला, जानिए-

साल 2018 में मंत्री गोपाल गुप्ता नंदी के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा केनरा बैंक के मैनेजर संजीव राय की ओर से दर्ज कराया गया था। संजीव राय ने अपनी एफआईआर में कहा था कि नंद गोपाल गुप्ता जो नंदी राम राइस मिल के प्रोपराइटर हैं, उनका लोन अकाउंट एनपीए घोषित था। बैंक ने पूरे रुपए वापस मांगे थे। उसी दिन उस खाते में जो रकम आरटीजीएस से आई थी, उसे बैंक में लोन अकाउंट में समायोजित कर दिया था। नंद गोपाल नंदी रुपए वापस करने के लिए दबाव डालने लगे। अपने साथ अकाउंटेंट व अन्य लोगों के साथ आकर शाखा प्रबंधक को धमकाया और नौकरी से निकलवाने की धमकी दी और फ़ोन पर गालियां व जान से मारने की धमकी दी।

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पुलिस ने दाखिल किया था आरोप पत्र-

इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और अकाउंटेंट गणेश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की दलील थी कि इस मामले में साक्ष्य नहीं हैं और आरोपी को सजा होने की संभावना है। आरोपी जनप्रतिनिधि और सरकार में मंत्री है। वाद वापसी जनहित में है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया।

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